________________
२३
जैन राजाओं का इतिहास
वती जैन दीक्षा पालन कर संसार का पार कर दिया था।
“उत्तराध्ययन सूत्र अ० १९" (३२ ) पोलासपुर के-राजो विजयसेन जिन्हों के पुत्र अहमन्ता कुमार ने भगवान् महावीर प्रभु के पास दीक्षा ले के संसार का अन्त किया । .
"अंतगढ़दशांग सूत्र" (३३) सावत्थि नगरी के-राजा अदीनशत्रुआदि भी परम जैन थे।
"भगवती सूत्र" ( ३४ ) सांकेतपुर नगर के राजा चन्द्रपाल जो कि जिन्हों के पुत्र ने महावीर प्रभु के पास दीक्षा ली थी। .
(३५) क्षत्रियकुन्ड नगर के-राजा नंदिवर्धन जो भगवान महावीर के वृद्ध भ्राता थे। आपने अहिंसा धर्म का खूब प्रचार किया।
"कल्पसूत्र" ( ३६ ) कोसुंबी नगरी के महाराजा संतानीक और आपकी पट्टराणी मृगावती भी जेन थे जिन्हों की बहिन जयन्ति बाई ने भगवान महावीर के पास जैन दीक्षा ग्रहण करी थी। महाराजा संतानीक के पुत्र राजा उदाई श्रादि भी पक्के जैन थे।
"भगवती सूत्र" ( ३७ ) कपीलपुर के जयकेतु राजा भी जैन थे।
“उत्पातिक सूत्र", (३८) कांचनपुर के महाराजा धर्मशील भी जैन थे। ..