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( ४३ ) श्रीभारतवर्षीय दिगम्बर तीर्थक्षेत्र कमेटी हीराबाग बम्बई से सेठ चुनीलाल हेमचन्द के दस्तखतवाली तारीख बाइस नौबर सन् उन्नीसो तेइस की लिखी हुई श्रीमान् महाराणा साहब के पास पेश हुई है वह पढने लायक है । उस की नकल मुझे सम्पादन न हो सकी वरना मैं पाठकवर्ग के सामने रखता और उस का कुछ अंश में उत्तर मी देता । खैर इस जीकर को जाने दिजीये । महाराणाधीराजने न्यायबुद्धि से ध्वजादण्ड चढाने की आज्ञा देकर देवस्थान व मगरा जिल्ले के हाकिम साहबान को भेजे । इतजाम कराया और तैयारीयां होने बाद सम्वत् १९८४ वैशाख सुदि ५ को श्रीमान् सेठ पूनमचन्दजी करमचन्दजी कोटावाले पाटन (गुजरात) निवासीने पांच हजार एक रुपया नगद भेट कर के ध्वजादंड चढाया जिस की तमाम क्रियाविधि श्रीमान् आगमोद्धारक सागरानन्दसूरिजी की अध्यक्षता में हुई, और ध्वजादण्ड की पटरी पर लेख लिखाया गया जिस की नकल इस प्रकार है।
"वीर संवत् २४५३ विक्रम संवत् १९८४ वैशाख शुक्ल पञ्चम्यां शुक्रवासरे मेदपाटेश्वर महाराणाधीराज महाराणाजी श्री १०८ श्री फतहसिंहजी महाराज कुमार श्री भूपालसिंहजी राज्ये श्रीं धुलेवनगरे श्री १००८ श्री आदिनाथाधिष्ठते श्री केशरियाजी संज्ञके तीर्थे एते तीर्थ सत्कोदय पुरीय श्री श्वेताम्बर संस्थया ध्वजदण्डयोरारोपः कारितः प्रतिष्ठा च कृता तपागच्छाचार्य श्री आनन्दसागरसूरिभि. शुभं भवतु.
यह ध्वजादंडारोहण का अधिकार समाप्त हुआ।
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