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मन्दिर प्रकरण.
श्री केसरियानाथजी के मन्दिर की प्राचीनता के विषय में इम्पीरीयल गेझेटीयर ऑफ इन्डिया पुस्तक २१ सन् १९०८ की नई आवृत्ति में पृष्ठ १६८-१६९ पर बयान है कि-" यह भगवान भादिनाथ अथवा ऋषभदेव का प्रख्यात जैन मन्दिर है, जहां गुजरात और राजपूताना के प्रत्येक प्रान्त में से असंख्य हजारांह यात्री यात्रा को जाते हैं । यह मान्दर कितने वर्ष पहले का बना हुआ है यह निर्णय करना मुश्किल है। किन्तु तीन शिलालेखों पर से मालूम होता है कि चौदहवीं या पन्दरहवीं सदी में इस मन्दिर का जिर्णोद्धार हुवा हो एसा पाया जाता है। जिस की इंगलिश नकल देखिये.