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भट्टारकजी महाराज श्रीविजेजिर्णेद्रसूरिजी चरणकमलायेण स्वस्ति श्री उदयपुर सुधाने महाराजाधिराज महाराणा श्री भीमसिंहजी लिखावतां पगे लागणो बंचावसी अठा का समाचार भला है राजरा सदा भला चाहिजे राज बडा हो पुज्य हो सदा कृपा सुदृष्टि रखावे जगी थी विसेस रखावसी
मंच | अणां दिना में कागद समाचार नहीं सो करपा कर लिखावसी और आपरा दरसन की गणी ओलुं आवे है कृपा कर पधारो तो मंहे चंपाबाग सुधी सामां मायने आपे शहर हे पदरावां सदा आपरी भेट मुरजाद मारा गुरु कांकरोली श्रीगुसांईजी हे ज्युं आपरी हे अणी में तफावत हे नही और दुजा गछरा भट्टारक तो हे ज्यांरी राह मुरजाद तो माजनारी हे वांरा सरावगांरी हे ने आपरी राह मुरजाद तो मांरा बडारा बांदी है सो .....
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. कांकरोली थी सीवाय मेर मुरजाद राखेगा ज्यादा कंइ लिखां आप बडा हो गुरु दयाल हो अठे वेगा पदार दरसण वेगा देगा घठा लायक कामकाज वे सो लिखेगाचावे सो मंगावेगा अठे तो आपरा हुकमरी बात हे श्रागे ही छांगीर चारां मोरछवां पालखी संज सुदी छडी दुसालो आपरी मुरजाद ठेठथी सो पण मंहे उठे पुगायो सोहुवो हो आप फरमावो ने लिखो जतरुं जुं ही नीजर मेलुं दुजा थगी तफावत जागोगा नही श्रीइष्टदेव सेवा पूजा ध्यान समरण वेलां माने याद करेगा आपरी यादगीरी थी मांरे