SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 628
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शब्दानुक्रमणिका वियडगिह ४०२ विरुद्ध ( अक्रियावादी ) ४२२, ४२५ विरुद्ध राज्य ४३ विरुद्ध राज्यप्रकरण ३९८ - ४०१ विवच्चि (बिवाई ) २१५ विहार निर्माण ३३७ नोट वीजन (पंखा ) ३३८ विवणि ( घूम-फिर कर व्यापार करना) वीणा १७८, ३२०, ३२२ १७० विवणि (बाजार ) १८६ विवाह २५३ - २७० विवाह ३६३, ३६३ नोट विवाह (अनुलोम ) २५४ नोट विवाह के प्रकार २५३-४ विवाह ( आकर्षण से ) २६४ विवाह (कला-कौशल देखकर) २६४-६५ विवाह (गंधर्व) २६०-६४ विवाह ( भविष्यवाणी से ) २६५ विवाह (विधवा) २६९-७० विवाह (विधुर ) २६९ विवाह ( साटे में ) २६७-६८ विवाह ( स्वयंवर) २५८- ६० विवाह ( अन्य प्रकार ) २६५-६६ विवाह समारम्भ २५७-२५८ विवाहसंस्था ४, ४९३ विवाह की वय २५३ विवाह के लिए शुल्क २५५ विवाहपडल ३०६ 'विवाहमंगल' १० नोट, ४९६ नोट विविध घृत और तेल ३१६ विशाखाचार्य २१ विशाखा के आभूषण १४२ नोट विशाखिल ३२० विशाल (शिविका ) १८२ विशुद्ध कुलों में उत्पन्न २२२ नोट विश्वकर्मा (नट ) २३०, ४०६ विश्वनाथ ४६८ विष्णु (श्रुतवली) २०, विष्णु (भगवान) विष्णुकुमार ( मुनि) २४०, ३४३, ४००, ४०० नोट, ४१० विहल्ल ( वेहल्लकुमार ) विहार का समय (जैन श्रमणों के) ३७९ नोट ६०७ वोणाग्राही ६३ वीतभय (कुंभारप्रक्षेप) २४, ४५, १५९, १८४, २५४, ४८२, ४९१ वीर (सूर का पुत्र ) ५०० वीरण (खस की पंचरंगी माला ) १५२ वीरभद्र २७ नोट वीरभूम (वज्रभूमि ) ९, ४८५ वीरल्ल (बाज़ ) १३९ वृक्ष १३५, १३५ नोट वृक्ष ( अमनोज्ञ ) ३५५ वृक्षपर्यायाम १३० वृक्षविज्ञान १३४-७ वृक्षों की लकड़ियों का उपयोग १३७ वृद्ध (वृद्धावस्था में दीक्षा लेने वाले ) ४२५ वृद्ध आचार्य ४२१ नोट वृद्ध प्रव्रज्या ३८५ 'वृद्ध व्याख्या' ३५ वृद्ध-सम्प्रदाय ३२, ३५ वृषभ ( सर्वरत्नमय ) १३१ नोट वृषभदेव (ऋषभदेव ) ३ वृष्णिकुमार ५०२ वेंट (अंगूठी ) ४८७ वेगवती (नदी) १३२, १८० वेगवती (विद्या) ३४९ वेदम ३२८ वेणु ३२० वेणुफल (बांस की पेटी ) १५० driya (बांस की लम्बी झाडू ) १५०, ३३७ वेतन-मजदूरी १६७-१६८ वेत्रवती ( बेतवा ) ४७९ वेद ( द्वादश अंग ) २९४ नोट
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy