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________________ ५८० जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज दातौन १५२, १५२ नोट दानशालायें ४५८. दानामा ( प्रव्रज्या ) ४२३ नोट दामिली ( द्राविड़ी ) ३४७ दारुची र ४१२ नोट दास ( छह प्रकार के ) १५७ दास ( चौदह प्रकार के ) १५७ नोट दास और नौकर-चाकर १५६ - १६० दास और भृत्य १६२ दासनेट ७५, ७६ दासों की कथाएं १५९-६० दासों के नाम १६० दासचेटी ( स्वयंवरा ) २६० दास चेटियां १६१-२ दास-दासी (बाह्य परिग्रहों में ) १५७ दासप्रथा १५६ दासवृत्ति ( दो पली तेल के लिये ) दीव (देश) ३७१ वाची १६ दिगम्बर श्वेताम्बर उत्पत्ति २१ दिगम्बर श्वेताम्बर मतभेद १९ - २०, २० नोट, २१ नोट दिशाएं ( शुभ-अशुभ ) ३५६ दिशाचर (छह ) १३ नोट, ३३९ दिसापोक्खी ( दिशाप्रोक्षी सम्प्रदाय ) ३५६ नोट, ४१४, ४१४ नोट दिसायत्त ( दूरगमन) १८१ दीक्षा का निषेध ३८४ दीनार १०६, १८८, १८९ नोट, २२६, दिगम्बर संप्रदाय में महावीर १० नोट दिगम्बर संप्रदाय के आगम २८, २८ नोट ५२० दीनारमाला ( आभूषण ) १४३ दीपकों के प्रकार १४९ दीपिका (मशाल) १४९ दीर्घ ( कोशल का राजा ) ४९९ दीर्घतपस्वी १० दीर्घदशा के अध्ययन ३३ नोट दीर्घपृष्ठ (अमात्य) २६६ दीलवालिया १०१,१७७ १५७-८ दासवृत्ति से मुक्ति १६२ दासियाँ १६१, २५६ दासीपति (प्रद्योत ) ५१५ दासीमह १६१, ३६२ दुगुल्ल (दूकूल ) २०७ दुराचारियों को दण्ड ८३ दुर्गा ४४९, ४४९ नोट, ४५० नोट दुर्धरा (रानी) ८६ नोट दाहकर्म ४, ३६९ दिगम्बर निर्ग्रन्थ ४६६ दिगम्बर मत आजीविक मत का पर्याय दुर्भिक्षजन्य उपसर्ग ४०३-४ दुर्भिदास १५८ दुर्मुख ९३, ९४, १०५ नोट, ३८३, ४९४, ५२० ४९६-९७ दितिप्रयाग (प्रयाग) ४७६ दिन्न ४१५ दिवाभोजन ४०८ नोट दिव्य पदार्थ (पांच) ४८ दीविग्गाह ( मशालची ) १४९ दुइपलास ( तिपलाश ) ४४६ दुकूलपट्ट ३३३ दुर्योधन (चोर) ८१ दुर्योधन ( जेलर ) ८९ दुर्योधन २५८ दुष्काल १२७ दिग्विजय ( चक्रवर्ती की ) १४, ३०० दुष्काल में दासवृत्ति १२७ दुष्काल में जैन साधुओं का मरण १२७ दुष्काल में बाल-बच्चों की बिक्री १२७ दुस्सयुग २०९ नोट दूत ६३, ९८, १०४ दूतसुख ९८ नोट
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
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