SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 567
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज प्रज्ञापना (पण्णवणा) -गुजराती अनुवाद, भगवानदास, अहमदाबाद, विक्रम संवत् १९६१ प्रश्नव्याकरण (पण्हवागरण) - टीका, अभयदेव, बम्बई, १६१६ - अमूल्यचन्द्र सेन, एक्रिटिकल इन्ट्रोडक्शन टू द पण्हधागरणाई, बुर्जवर्ग, १६३६ बृहत्कल्प ( कप्प) -भाष्य, संघदासगणि - टीका, मलयगिरि और क्षेमकीर्ति; पुण्यविजय, आत्मानंद जैन सभा, भावनगर, १६३३-३८ भगवती (देखिए व्याख्याप्रज्ञप्ति) महानिशीथ ( महानिसीह) - डब्ल्यू. शूबिंग, बर्लिन, १६१८ - गुजराती अनुवाद, नरसिंह भाई ( हस्तलिखित ) राजप्रश्नीय (रायपसेणइय) -टीका, अभयदेव - गुजराती अनुवाद, बेचरदास, अहमदाबाद, विक्रम संवत् १६६४ व्यवहार (व्यवहार) - भाष्य - टीका, मलयगिरि, भावनगर, १६२६ विपाकसूत्र ( विवागसुय) - टीका, अभयदेव, बड़ौदा, विक्रम संवत् १९२२ - सम्पादन, ए० टी० उपाध्ये, बेळगांव, १६३५ व्याख्याप्रज्ञप्ति - टीका, अभयदेव, आगमोदयममिति, बम्बई १६२१, रतलाम, ...१६३७ - गुजराती अनुवाद, बेचरदास, अहमदाबाद, विक्रम संवत् १६७६-८८ समवायांग -टीका, अभयदेव, अहमदाबाद, १९३८ सूत्रकृतांग (सूयगडं) -नियुक्ति, भद्बाहु
SR No.007281
Book TitleJain Agam Sahitya Me Bharatiya Samaj
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagdishchadnra Jain
PublisherChaukhambha Vidyabhavan
Publication Year1965
Total Pages642
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size40 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy