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१. सिद्धचक विधान, २. विमल भक्ति-सग्रह, ३. रयणसार, ४. धर्ममार्गसार, ५. पाराधना कथा कोष, ६. प्रष्ट पाहुड, ७. पञ्चास्तिकाय, ८. पंच स्तोत्र, ६. तत्वानुशासन, १०. चर्चासार, ११. सुधर्म-श्रावकाचार, १२. सम्यक्त्व-कौमुदी, १३. परीक्षामुख, १४. क्षत्र-चूड़ामणि, १५. समयसार, १६. योग-सार, १७. नोतिमार समुच्चय, १८. परमात्म-प्रकाश, १६. न्याय-दोपिका, २०. शान्ति-सुधा सिन्धु, २१. इन्द्रनन्दी नीतिसार; २२. इष्टोपदेश, २३. समाधितन्त्र, २४. वरांग चरित्र, २५. भरतेश वैभव, २३. वैराग्य मणिमाला, २७. स्वरूप सम्बोधन. २८. श्रु तावतार, २६. अमितगति श्रावकाचार, ३० आत्मानुशासन, ३१. स्वयंभू स्तोत्र, ३१. द्रव्य-संग्रह, ३३. धर्म रसायन, ३४. सार-समुच्चय, ३५. प्रश्नोत्तर श्रावकाचार, ३६. मालाप पद्धति, ३७. मदन पराजय, ३८. वसुनन्दी श्रावकाचार, ३६. धर्मशर्माभ्युदय, ४०. सागार धर्मामृत, ४१. बोधामृत सार, ४२. पांडवपुराण, ४३. नयचक्र, ४४. जीवक चिन्तामणि, ४५. अभयकुमार चरित्र, ४६. प्राप्तमीमांसा, ४७. मन्दरमेरु पुराण, ४८ युक्त्यानुशासन, ४६. प्रतिष्ठा पाठ, ५०. भाव-संग्रह वामदेव, ५१: लघु तत्वस्फोट, ५२. रत्नकरण्ड श्रावकाच र, ५३. अमरसे1-चरयू, ५४. रत्नकरण्ड श्रावकाचार (प्रश्नोतर), ५५. धर्मरत्नाकर, ५६. प्रमेय रत्नमाला, ५७. यशस्तिलक चम्पू, ५८. सिद्धान्त सार, ५६. तत्वार्थ वृत्ति, ६.. ज्ञानामृत, ६१. भाव फल त्रयोदशी, ६२. श्रावक धर्म प्रदीप, ६३ श्रेणिक चरित्र, ६४. अमृताशीत, ६५. अंगपण्णति, ६७. पार्श्व पुराण, ६७. मल्लिनाथ पुराण, ६८. विमलनाथ पुराण, ६६. नेमिनाथ पुराण, ७०. प्रवचन सार, ७१. सुभाशित रत्नावली, ७२. धन्यकुमार चरित्र, ७३. सिद्धिप्रिय स्तोत्र, ७४. सार-चतुर्विशितिका, ७५. जम्बूस्वामी चरित्र ।
७५ ग्रन्थों के प्रकाशन की योजना के साथ ही साथ भारत के विभिन्न नगरों में ७५ धामिक शिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है और ७५ पाठशालाओं को स्थापना भी की जा रही है। इस ज्ञान यज्ञ में पूर्ण सहयोग करने वाले ७५ पाठशालाओं की स्थापना भी की जा रही है । इस ज्ञान यज्ञ में पूर्ण सहयोग करने वाले ७५ विद्वानों का सम्मान एवं ७५ युवा विद्वानों को प्रवचन हेतु तैयार करना तथा ७७७५ युवा वर्ग से सप्तव्यसन का त्याग कराना प्रादि योजनाएं इस हीरक जयन्ति वर्ष में पूर्ण की जा रही हैं।