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रिखबदास गहनकरी जैन, जालना को मैं आभारी हूं। तथा यथा समय शुद्ध ग्रन्थ प्रकाशित करने वाले कपूर आर्ट प्रिण्टर्स, जयपुर के मालिक श्री कपूरचन्दजी काला प्रादि की भी में प्राभारी हूँ। अन्त में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप में सभी सहयोगियों के लिये कृतज्ञता व्यक्त करते हुए सत्य जिनशासन की जिनागम की भविष्य में इसी प्रकार रक्षा करते रहें ऐसी कामना करती हूँ।
-कु. प्रभा पाटनी संघस्थ