SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 451
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ UUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUUGI दिन में तथा रात्रि में 'मौन' का पच्चक्खाण लेने की बुद्धि मिले .... द्रव्य से, घर में, ऑफिस या दुकान में, जितने भी स्थान हों उन सभी स्थानों का आरंभ समारंभ का आगार (छूट) रखकर, ‘संवर' भाव रखने से बाकी 14 राजलोक में होने वाली क्रियाओं की हिंसा-पाप आदि से बच जाएँगे।ये करने की शक्ति प्राप्त हो। क्षेत्र से जहां तक दृष्टि पहुंच सके वहां तक का आगार, उसके अलावा सभी का प्रत्याख्यान, काल से (5) नवकार मंत्र गिनकर पारूं, नहीं वहां तक के प्रत्याख्यान, भाव से उपयोग सहित __ मिथ्यात्व, अविरति, प्रमाद, कषाय, योग सेवन के प्रत्याख्यान लेते-लेते। तस्स भंते पडिक्कमामि - अप्पाणं वोसिरामि... अंत समय हे प्रभु ! कितनी जल्दी संसार से मुक्ति मिले, चारित्र मार्ग को स्वीकार करूं सुदेव, सुगुरु, सुधर्म, बोधि बीज की प्राप्ति हो। ___ कर्म का क्षय, भव निर्वेद और समाधि मरण प्राप्त हो। मेरी मृत्यु समय मेरे सभी पुद्गलों को वोसिराता हूँ त्रिविधे-त्रिविधे वोसिरामि .... वोसिरामि .... वोसिरामि ....। 9090GOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGO90 41890GOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGGC
SR No.007276
Book TitleShrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Doshi
PublisherVijay Doshi
Publication Year2017
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy