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शुभ भाव
श्रीमती मधु पद्मजी धाकड़ का यह प्रयास श्रुत प्रेमियों के लिए मार्गदर्शक बने यही सत्कामना मंगल कामना करती हूँ।
पुस्तक का नाम बड़ा सुन्दर है । ''श्रुत भीनी आँखों में बिजली चमके'' बड़ा सुन्दर और
अर्थ वाला नाम है । श्रुत से भीगी आँखों में सदा चमक जैसी होती है।
भगवान महावीर फरमाते हैं-'सामत्त हंसी न फरेई पावे' सम्यक् दृष्टा आत्मा कभी पाप कर्म नहीं करता है।
सम्यक् दर्शन-ज्ञान चारित्राणि मोक्ष मार्गः । सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान और सम्यक् चारित्र मोक्ष का मार्ग है। पाँच ज्ञान में श्रुत ज्ञान महान व परम उपकारी है।
सोचा जाणइं कल्लाणं, सोचाजाणइ पावंग ।
उभयं पि जाणई सोचा, जं सेयं तं समायरे ।। सुनकर ही प्राणी कल्याण मार्ग को जानता है और सुनकर ही प्राणी पाप मार्ग को जानता है। दोनों मार्ग सुनकर ही जानता है फिर आत्मा के लिए श्रेयस्कर मार्ग का समाचरण-आचरण करता है। यह है श्रुत ज्ञान का महत्व ।
दूसरी बात अनपढ़ और शिक्षित दोनों ही इन ज्ञान का पूरा लाभ उठा सकते हैं । सम्यक् दर्शन जिन शासन की नींव है । दर्शन शुद्ध होने पर ज्ञान और चारित्र भी शुद्ध और शुद्धतर होते हैं, जिससे मोक्ष का दरवाजा सहज रूप से खुल जाता है । __ आपके द्वारा छपाई गई यह पुस्तक "श्रुत भीनी आँखों में बिजली चमके' सभी के लिए मोक्ष का द्वार खोले इसी शुभेच्छा के साथ - ॐ शांति ....
इसी भाव के साथ साध्वी चन्दनबाला