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નં ધાતુ
तृ
3१ याच्
याचितृ
याचक
३२ भ्राज् भ्राजितृ
भ्राजक
33 आ+रभ् आरब्ध आराभक /
आरम्भक
નં ધાતુ
૧
कुप्
२ क्रुध्
3 पुष्
४ नृत्
५ नश्
६ तुष्
७ मुह
८ लुभ्
तृ
कोपितृ
क्रोद्ध
पोष्ट
नर्तितृ
नशितृ /
नष्ट
तोष्ट
अक
८ क्षुभ्
१० मद्
|११ श्रम्
१२ शम्
१3 जन् ( जा ) जनितृ
ગણ
अक
कोपक
क्रोधक
पोषक
नर्तक
नाशक
तोषक
मोहक
मोहित
मोग्ध/मोद
लोभितृ / लोभक
लोब्ध
क्षोभितृ क्षोभक
मदितृ
मादक
श्रमितृ
श्रामक
शमित
शामक
जनक /
जानक
-
अ
याच
भ्राज
आरभ /
आराभ /
आरम्भ
४
अ
कोप
क्रोध
पोष
नर्त
नश / नाश
तोष
मोह
लोभ
क्षोभ
मद / माद
श्रम / श्राम
शम / शाम
जन/जान
अन ति
याचन याचिति
भ्राजन भ्राजिति
आरभण आरब्धि
अन
ति
कोपन कुपित
क्रोधन
क्रुद्धि
पोषण
नर्तन
नशन
तोषण
मोहन
पुष्टि
नृत्ति
नष्टि
तुष्टि
मूढ/
मुग्धि
लोभन लुब्ध
क्षोभण क्षुब्ध
मदन
मत्ति
श्रमण
श्रान्ति
शमन
शान्ति
जनन
ज
है सरल संस्कृतम् - १३.३.३१६० ४.३.३.३.३.३.३ पाठ-२४.XX