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________________ :: प्रस्तावना :: [ २७ जैसा पूर्व लिखा जा चुका है कि 'अखिल भारतवर्षीय पुरवार महासभा, अमरावती' के मानद मंत्री श्री जयकान्त पुरवार से हमारा परिचय स्थापित हो चुका था और उसके फलस्वरूप ही मैं महमूदाबाद में होने वाले उक्त सभा के अधिवेशन में निमंत्रित किया गया था । पश्चात् इसके मैंने उनको सोलह १६ प्रश्न लिख कर भेजे और उनमें प्रार्थना की कि अपनी ज्ञाति के पंडितों, अनुभवशील व्यक्तियों से इनके उत्तर लेकर मुझको भेजने की कृपा करें । मेरे उन १६ प्रश्नों को श्री जयकान्तजी ने अलग पत्र पर मुद्रित करा कर अपनी ज्ञाति के कई एक पंडितों को भेजा और उनसे तुरन्त उत्तर देने की प्रार्थना की। उनके मुद्रित पत्र की प्रतिलिपि नीचे दी जाती है। अ० भा० पुरवार महासभा, कार्यालय अमरावती 'प्रिय महोदय, श्री प्राग्वाट इतिहास - प्रकाशक समिति की ओर से निम्न प्रश्नों के उत्तर मांगे गये हैं। आपको ज्ञात ही है कि उक्त समिति प्राग्वाटज्ञाति का इतिहास ( अपभ्रन्श-परवार, पौरवाल, पुरखार) लिखाने की व्यवस्था कर रही है । ये प्रश्न उसी इतिहास से संबंधित हैं। आशा है आप इनके उत्तर ता० २५-१२- ५१ तक महासभा - कार्यालय में भेजने की कृपा करेंगे, ताकि वे शीघ्र उस समिति के पास भेजे जा सकें । १ - पवार, पौरवाल और पुरवार एक ही अर्थ वाले शब्द हैं। इसमें यह अन्तर ( मात्रा का ) प्रान्तीय भाषाओं के कारण पड़ा है— क्या आप मानते हैं ? पुरवार नाम क्यों पड़ा ९ लिखिये । २ - क्या पुरवारज्ञाति जिस रूप में है अनादि है ? ३ - पुरवारज्ञाति की उत्पचि २६०० वर्षों के भीतर की है— क्या आप स्वीकार करते हैं ? ४ - पुरवारज्ञाति मूल में जैन थी और कारणवश अन्य धर्मी बनी या भाप यह स्वीकार कर सकते हैं ? ५ - पुरवारज्ञाति का उत्पत्तिस्थान राजस्थान अथवा मालवा हो सकता है, जहाँ से यह भारत के अन्य भागों में फैली — क्या आप मान सकते हैं। ६ - पुरवारज्ञाति शुद्ध व्यापारी ज्ञाति रही है — क्या आप स्वीकार करते हैं ? ७- पुरवारज्ञाति किस प्रान्त में और किन २ नगरों में बसती है ? ८- पुरवारज्ञाति के प्राचीन एवं अर्वाचीन गोत्र कौन हैं और किस ज्ञाति से यह उत्पन्न हुई है ? ६- श्राप पुरवारज्ञाति की उत्पत्ति कहाँ से, कब से मानते हैं और किस ज्ञांति से यह उत्पन्न हुई है ? १० - आपके पूर्वज कहां से उठे हैं और क्यों और कहां फैले हैं ? ११- आपके कुलगुरु अर्थात् पट्टियां कहां रहते हैं और वे कब से हैं ? उनका धर्म और ज्ञाति क्या है ? १२ - पुरवारज्ञाति के ऋति प्रसिद्ध पुरुष कौन हुए हैं ? १३- क्या पुरषारज्ञाति में छोटे-बड़े अर्थात् दशा पुरकार और बीशा पुरवार जैसे भेद हैं ?
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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