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________________ १६] प्राग्वाट-इतिहास: [तृतीय प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा प्र० प्राचार्य प्रा० शा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि सं० १५८० वै० शांतिनाथ रायकुमारपरि(१) बलासरवासी प्रा० ज्ञा० सेठि श्रे० नारद ने भा० डाही, पुत्र शु० २ शुक्र० सेठि हर्षराज मा० हीरादेवी पुत्र प्रांबा के सहित. श्री श्रेयांसनाथ-जिनालय में (फताशाह की पोल) सं० १४५७ वै० शांतिनाथ साधुपूर्णिमा- प्रा. ज्ञा० श्रे० खेतसिंह के पुत्र छीड़ा भा० पोमादेवी के शु० ३ शनि० धर्मतिलकसरि पुत्र भोजराज ने पितामह खेतसिंह के श्रेयोर्थ. सं० १४७२ मुनिसुव्रत तपा० सोमसुन्दर- प्रा. ज्ञा० मं० कडादेवी की स्त्री कामलदेवी के पुत्र मूरि कन्हा ने स्वभा० महकूदेवी, पुत्र हमीर,लाला, भ्रातृ मांजा के श्रेयोथे. सं० १४८२ विमलनाथ प्रा० ज्ञा० श्रे० महिपाल की भा० हापादेवी, भा० राऊदेवी के पुत्र नरसिंह ने भा० सोनी के सहित पिता के श्रेयोर्थ. सं० १५१७ वै० आदिनाथ अंचलगच्छीय- प्रा. ज्ञा० श्रे० मणी. देवपाल भा० सोहासिनी के पुत्र शु० ६ शनि. जयकेसरिसूरि मणी. शिवदास ने स्वमाता के श्रेयोर्थ. सं० १५२४ नमिनाथ तपा० लक्ष्मीसागर-प्रा. ज्ञा० श्रे० खेतसिंह भा० लाड़ीदेवी के पुत्र गनिश्रा, सरि अमरा, कर्मसिंह, करण, राउल, रीणा, खीमा, इनमें से कर्मसिंह ने स्वभा० अर्चदेवी,पु. लाला, लावा कुटुम्बसहित. सं० १५६५ माघ अनंतनाथ तपा० इन्द्रनंदिसूरि प्रा. ज्ञा० श्रे० नागराज भा० नागलदेवी के पुत्र जीवराज शु० ५ गुरु० पं० विनयहंसगणि मा० उबाई नामा ने. सं० १५८१ ज्ये० शांतिनाथ तपा० हेमविमल- राजपुरवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० मांगराज भा० पुहतीदेवी के कृ. ६ गुरु० सरि पुत्र लटकण भा० लक्ष्मीदेवी के पुत्र लांबा ने स्वश्रेयोर्थ. सं० १६६७ फा० शांतिनाथ तपा० विजयसिंह- प्रा. ज्ञा० श्रे० वीरचन्द्र भा० वयजलदेवी के पुत्र वच्छ सरि राज ने स्वभा० सतरंगदेवी, भ्रातृ गदाधर प्रमुख कुटुम्ब सहित स्वश्रेयोर्थ. ईडर के श्री कुवावाला-जिनालय में सं० १३२७ माघ नमिनाथ ......... प्रा. ज्ञा. श्रे. जसचन्द्र ने मालदेवी, कुरी के श्रेयोर्थ. शु०५ गुरु० सं० १३६४ आदिनाथ देवेन्द्रसरि प्रा० ज्ञा० श्रे० साझण ने पिता पुसाराम के श्रेयोर्थ. (नागेन्द्रगच्छानुयायी) जै० धा०प्र० ले० सं०भा०१ ले०१३५५,१३७५,१३७१,१३७६, १३५७,१३८१,१३६३,१३७२,१३८२, १४२६,१४२०॥
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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