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________________ स्वण्ड ] : विभिन्न प्रान्तों में प्रा० ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - गूर्जर - काठियावाड़ और सौराष्ट्र- पत्तन :: [ ४४० प्र० प्रतिमा प्र० आचार्य प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठ मूलनायक श्री शांतिनाथजी के बड़े जिनालय के गर्भगृह में (कनासा का मोहल्ला ) ऋषभनाथ- नागेन्द्रगच्छीय- प्रा० ज्ञा० श्रे० पान्हा ने पिता कुरपाल, माता लाच्छा के पंचतीर्थी बोर्थ. रत्नाकरसूरि कमला कस्तूरि प्रा० ज्ञा० ० प्र० वि० संवत् सं० १२६१ सं० १३०५ ज्ये० शु० १५ रवि० सं० १३८० ज्ये० शु० १० सं० १४१७ पे० शु० ६ गुरु० सं० १४४७ फा० शु० ८ सोम ० सं० १४६६ बै० शु० ३ सोम ० सं० १४८८ ० शु० ६ सं० १४६४ वै शु० २ शनि ० सं० १५०७ वै० कृ० २ मुरु० सं० १५०६ माघ शु० १० शनि ० सं० १५११ ज्ये कृ० ६ शनि ० सं० १५१५ ज्ये० fo & आदिनाथ पंचतीर्थी पंचतीर्थी पद्मप्रभ पंचतीर्थी वासुपूज्य सुमतिनाथ - पंचतीर्थी श्रेयांसनाथ नमिनाथ अजितनाथ विमलनाथ " चैत्रीय मानदेवरि नागेन्द्र गच्छीय रत्नप्रभसूर मंडागच्छीय पासचन्द्रसूरि वृ० तपा० रत्नबरि तपा० सोमसुन्दर- प्रा० ज्ञा० ० सान्हा भा० सहजलदेवी के पुत्र मंडन ने सूर स्वभा० मवीदेवी पुत्र गोधा, देवादि के सहित स्वश्रेयोर्थ. सिद्धान्ति मच्छीय- प्रा० ज्ञा० श्रे० सांडा या० मोहमदेवी के पुत्र राजा मुनसिंह हा ने पिता-माता और स्वश्रेयोर्थ. सा. पूर्णिमा पुरायचंद्रसूरि ० तपा० रत्नसिंहसूरि प्रा० ज्ञा० ० बूटा पुत्र सान्हा चांगण ने माता पिता के श्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० धरा के पिता ८० हरपाल के श्रेयोर्थ. तपा० रत्नशेखरसूरि प्रा० ज्ञा० सं० मेघराज की स्त्री मीणलदेवी के पुत्र पर्वत ने पिता-माता के वोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० विरपाल ने स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० सं० सेउ की स्त्री मानदेवी के पुत्र कर्मसिंह ने स्वभा० संपूरी के सहित पिता, माता, भ्राता राउल के श्रेयोर्थ. प्रा० वा० ० भीम की स्त्री भलीदेवी के पुत्र छांछा ने स्वभार्या माणकदेवी के सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० सामल की स्त्री रांकादेवी के पुत्र पाल्हा ने स्वभा० कुतिंगदेवी पुत्र कुंभा पासण, सूरा के सहित स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० ० श्रीसा (१) ने स्वस्त्री संका पुत्र पुजा, जा मा० जीविणीदेवी, देवदेवी आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. जै० घा० प्र० ले० सं० भा० १ ० ३५३, ३३०, ३५६, ३२४, ३५६, ३१८, ३१३, ३२०, २०८, ३२२. ३११, ३७० ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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