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________________ खण्ड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - गूर्जर काठियावाड़ और सौराष्ट्र-उंझा :: [ ४४१ गां ग्राम के श्री जिनालय में पंचतीर्थी प्र० आचार्य तपा० लक्ष्मीसागर - सूरि प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा सं० १५१६ ज्ये० पद्मप्रभ शु० ३ सं० १५३५ माघ अभिनंदन कृ० ६ शनि ० सं० १४५७ वै० शांतिनाथ शु० ५ गुरु० सं० १५०३ माघ कुंथुनाथ कृ० ५ शु० ३ सं० १५५३ फा० शांतिनाथ शु० ४ सं० १५५४ माघ सुमतिनाथ कृ० २ सोम ० सं० १५५५ चैत्र सुमतिनाथ कृ० १० गुरु ० "" सं० १५४३ वै० सुमतिनाथ सिद्धांतगच्छीय देवसुन्दरसूरि तपा० कमलकलश सूरि तपा० हेमविमल सूरि श्रीनागेन्द्रगच्छीय सं० १६०८ वै० शांतिनाथ - शु० १३ शुक्र ० चोवीशी चाणस्मा ग्राम के श्री जिनालय में साधु० पू० पक्षीय प्रा० ज्ञा० ० वजान्हा की स्त्री वाम्हणदेवी के पुत्र श्रीधर्मतिलकसूरि टोभा ने माता-पिता के श्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि [स] लखण पुरवासी प्रा० ज्ञा० महा० समंधर भा० बाबूदेवी की पुत्री गौरी (गां० भरम की पत्नी) नामा ने पुत्र राउल भा० लखीदेवी पुत्र साजणादि सहित. कुतुबपुरवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० काजा की स्त्री चाई के पुत्र सर्वण ने स्वभा० माणकदेवी, पुत्री वीरमती, पुहूती आदि कुटुम्बसहित स्वपितृश्रेयोर्थ. तपा० जयचंद्रसूरि प्रा० ज्ञा० ० सरवण की स्त्री सहजलदेवी के पुत्र राजमल ने स्वभा० लक्ष्मीदेवी, पुत्र महिराज, सायरादि के सहित स्वश्रेयोर्थ. पूर्णिमापक्षीय श्री पुण्यप्रभसूर उंझा ग्राम के पत्तनवासी मं० ठाकुरसिंह भा० धनी के पुत्र उणायग, नारद भा० रजादेवी नामा ने स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० सं० विजयराज भा० मधुदेवी के पुत्र श्रे० ङ्गरसिंह ने भार्या लीलादेवी, पुत्र हर्षचन्द्र, कान्हादि के सहित. लोहरवाड़ावासी प्रा०ज्ञा० व्य० जयसिंह की स्त्री वत्सदेवी के पुत्र सूरा ने स्वभार्या देवमति, पुत्र लक्ष्मण, भावड़ सकुटुम्ब स्वश्रेयोर्थ. प्रा० ज्ञा० मं० मेघराज के पुत्र रत्ना ने स्वभा० रही, पुत्र कान्हा, नाना, कूरा के सहित माता-पिता के श्रेयोर्थ एवं स्वश्रेयोर्थ. कुमरगिरि-वासी प्रा० ज्ञा० ० सूरा, मिलुसिंह, श्रे० लडुआ ने भा० हीरादेवी, पुत्र-पौत्र - सहित स्वपुण्यार्थ. श्री जिनालय में प्रा० ज्ञा० ० झांसा की भार्या खेतलदेवी के पुत्र भशाली ने पिता-माता के श्रेयोर्थ. सं० १३७६ माघ श्रादिनाथ कृ० १२ बुध० पंचतीर्थी जै० धा० प्र० ले० सं० भा० १ ० ७५ ७३, ११७, १२३, १०७, ११५, ११०, १२७, १२४, १५६ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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