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________________ प्रावास परमाण के श्री जिनालय में प्रस्तरप्रतिमा वि. सरत् प्रतिमा प्राचार्य प्रा.शा. प्रतिमा प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि #. १३५१ भाष पार्श्वनाथ ............... प्रा. शा. श्रे० झामण की स्त्री राउलदेवी के पुत्र सिंह ने कृ० १ सोम० (युगल) स्वभा० पगादेवी,जलालुदेवी,पुत्र पनराज भा० मोहिनीदेवी, पुत्र विजयसिंह के सहित. भीलड़िया के श्री जिनालय में सं० १३६७ वै० आदिनाथ मड़ाहड़० प्रा० ज्ञा० श्रे. तिहुणसिंह की स्त्री हांसलदेवी के अयोथ 'रविकरसूरि . पुत्र सोमचन्द्र ने. सं० १५३५ माघ शांतिनाथ तपा० लक्ष्मीसागर- कुतुबपुरवासी प्रा. ज्ञा० श्रे० काजा की स्त्री देवी के पुत्र क. ६ शनि० 'सरि भोलराज ने, स्वभा० राजूदेवी, पुत्र हंसराज, रतिराजादि कुटुम्बसहित स्वपिता के श्रेयोर्थ. लुआणा (दियोदर) के श्री जिनालय में सं० १५२२ माष मुनिसुव्रत वृ० तपा० जिनरल- प्रा. ज्ञा० ० विरूमा की स्त्री आजीदेवी के पुत्र सं० शु०६ शनि० परिमांकड़ भा० झालीदेवी के पुत्र सं० अर्जुन ने स्क्मा० अहिवदेवी सहित अपरा भा० रामति के श्रेयोर्थ.. सं० १५२३ बै० विमलनाथ पा. लक्ष्मीसागर-बीरमग्रामवासी प्रा० झा० सं० नापा ने स्वमा० लक्ष्मीदेवी पुत्र खोना, ठाइया, हांसा, जावड़, भावड़, इनकी स्त्रियाँ माथीबाई,कन्हाईबाई, मेषादेची, भासूदेवी, इनके पुत्र नाकर, झटका, ला, भूरादि कुटुम्बसहित. गुर्जर काठियावाड़ और सौराष्ट्र अमरोहा डमोड़ा के श्री जिनालय में सपरिकर पाषाण-प्रतिमा सं० १३०५ ज्ये० रोहिणीबिंब रत्नप्रभसरि प्राज्ञा० ठ० सांगा की स्त्री सलखणदेवी ने शु०११ सोम० लींच के श्री जिनालय में धातु-प्रतिमा से० १४०४ वै० पार्श्वनाथ रत्नाकरसरि प्रा०ज्ञा० श्रे० मोकल ने पिता भोतू, माता मान्हणदेवी के श्रेयोर्थ. जे०प्र०ले० सं० ले० ३२५, ३३५, ३३४, ३५७, ३५८ । प्रा० ले० सं० मा०१ ले०४१, ६६,।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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