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खण्ड ] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - बनासकांठा - उत्तर गुजरात - थराद :: [ ४३१ ..
कासिन्द्रा ग्राम के श्री शांतिनाथ - जिनालय में प्र ० आचार्य
प्र० वि० संवत् प्र० प्रतिमा सं० १२३४ वै० जिनबिंब शु० १३ सोम ०
सं० १९८२ ज्ये० पार्श्वनाथ चंद्रगच्छीय
कृ० ६ बुध०
सं० १२४२ ज्ये० कायोत्सर्गप्रतिमा कायोत्सर्ग
शु० ११
प्रतिमा
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प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि प्रा०ज्ञा० ० धणदेव की स्त्री जाखूदेवी के पुत्र अमरा ने भा० शांतिदेवी, पुत्र प्रबड़, पुत्री पूनमती सहित पिता के श्रेयोर्थ.
देरणा ग्राम के श्री संभवनाथ - जिनालय में
कु० ७ बुध ० सं० १५१७ वै० विमलनाथ शु० ३
प्रा० ज्ञा० ० लोकवड़ (१) के पुत्र पासिल ने पुत्र पहुदेव, पामदेव आदि पांच पुत्रों के सहित.
चकेश्वरसूरि ओरग्राम के श्री आदिनाथ - जिनालय में
प्रा० ज्ञा० ० सहदेव पुत्र यशोधवल ने.
प्रा० ज्ञा० ० सहदेव के पुत्र सद्भ्रात के पुत्र वरदेव के पुत्र यशोधवल ने.
बनासकांठा - उत्तर गुजरात
पुत्र सद्द्भ्रात के पुत्र वरदेव के
थराद (स्थिरपद्र) के श्रीमहावीर जिनालय में धातु - प्रतिमायें सं० १५१३ माघ शांतिनाथ
पूर्णिमाक्षीमाणिया प्रा०ज्ञा० श्रे० भोजराज ने स्वभा० लाछीबाई पुत्र नत्थमल, जयकेसरिरि सज्जन के सहित पिता-माता के श्रेयोर्थ
तपा० लक्ष्मीसागर- कालुयावासी श्रे० कूपा की स्त्री रूड़ीदेवी के पुत्र देवसिंह सूरि की स्त्री वाल्हीबाई के पुत्र देपाल ने भांडादि कुटुम्बसहित स्वश्रेयोर्थ
श्री महावीर जिनालयान्तर्गत श्री आदिनाथ - जिनालय में
महावीर
श्रीपास चंद्रसूरि
प्रा० ज्ञा० ० जसवीर की स्त्री वांसलदेवी के पुत्र मामा स्वपिता के यो
सं५ १४३६ वै०
कृ० ११
श्र० प्र० जै० ले ० सं० ले ० ६२२, ६३६, ६४१, ६४२ । जै० प्र० ले० सं० ० २८, २०,१७० ॥