________________
खण्ड ] :: विभिन्न प्रांतों में प्रा०ज्ञा सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - अबु दप्रदेश ( गूर्जर - राजस्थान ) - ब्राह्मणवाड़ा :: [ ४२३
प्र० श्राचार्य
प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि
प्रा० ज्ञा० ० मूजा के पुत्र सान्हा ने भा० वीरणिदेवी पुत्र नाल्दादि परिवारसहित.
प्र० वि० संवत् सं० १५३६ माघ ० कुंथुनाथ कृ० ५ रवि ०
सं० १५५६ वै० देवकुलिका शु० १३ रवि ०
सं० १५५६ द्वि० देवकुलिका
ज्ये० शु० १० शुक्र ०
सं० १७२१ ज्ये० शु० ३ रवि ०
प्र० प्रतिमा
सं० १६६८ पौ० शु० १५ सं० १७२१ ज्ये० शु० ३ रवि ०
शु० ११ (५) सं० १५१६ वै०
शु० १३
खतरगच्छीयजिनचन्द्रसूरि
हमीरगढ़ के श्री जिनालय में
श्रादिनाथ
सं० १४८२ का० शु० १३ गुरु० सं० १५१० मार्ग० देवकुलिका
देवकुलिका
वृ० तपा०
उदयसागरसूर
विमलसूर
प्रा० ज्ञा० सं० वाछा की स्त्री वीजलदेवी के पुत्र सं० कान्हा कुतिगदेवी जांणी देसी के पुत्र सं० रत्नपाल की स्त्री कर्मादेवी ने स्वभ' के श्रेयोर्थ.
प्रा० ज्ञा० संघवी समरा की स्त्री समरादेवी के पुत्ररत्न सं० सचवीर ने भार्या पद्मावती, पुत्ररत्न सं० देवीचन्द्र, स्वपरिवार के सहित स्वश्रेयोर्थ.
कलर ग्राम के श्री जिनालय में
आदिनाथ तपा० विजयराज - सिरोहीनिवासी सं० मेहजल की स्त्री कल्याणदेवी के पुत्र सूर सं० कर्मा की स्त्री केसरदेवी के पुत्ररत्न सं० उदयभाग ने सिरोही के श्री शीतलनाथ - जिनालय में
शीतलनाथ तपा० अमृतविजय- सिरोहीनिवासी प्रा० ज्ञा० श्रे० वणवीर की स्त्री पसादेवी गणि ने पुत्र राउत, कर्मचन्द्र के सहित*
शीतलनाथ
तपा०
सिरोहीनिवासी प्रा० ज्ञा० व० शा ० काकरेचा श्रे० रायपाल 3 की धर्मपत्नी कल्याणदेवी के पुत्र जगमाल ने
ब्राह्मणवाडा ग्रामस्थ श्री महावीर जिनालय में
रत्नप्रभसूरि
प्रा० ज्ञा० श्रे० कर्मा की स्त्री रूड़ी के पुत्र पिथु और पर्वत ने पिता के श्रेयोर्थ
प्रा० ज्ञा० श्रे० नेसा भा० मालदेवी के पुत्र सूरा ने भा० मांगी, देणद, पुत्र मेरा, तोला सहित
प्रा० ज्ञा० ० धना श्रे० बाहु के पुत्र सं० मीठालाल ने भा० सरस्वती पुत्र थड़सिंह के सहित
अ० प्र० जै० ले० सं० ले० २२६, २३६, २३७, २४३, २५७, २८३, २६३, २६१। *मेरे द्वारा सिरोही नगरस्थ जिनालयों के संग्रहीत लेखों पर (अप्रकाशित)