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________________ as] :: विभिन्न प्रान्तों में प्रा० झा० सद्गृहस्थों द्वारा प्रतिष्ठित प्रतिमायें - राजस्थान - जैसलमेर :: श्री शांतिनाथ - जिनालय में (घोड़ावतों की पोल ) o आचार्य प्र० वि० संवत् सं० १५४५ ज्ये० कृ० ११ सं० १४६७ ज्ये० शु० २ सोम ० सं० १५७६ सं० १५३० फा० कृ० २ रवि ० सं० १५१८ सं० १५१३ वै० कृ० ८ प्र० प्रतिमा पार्श्वनाथ श्रीसूरि शीतलनाथ श्री शंखेश्वर-पार्श्वनाथ - जिनालय में पंचतीर्थी श्रेयांसनाथ मुनिप्रभसूर प्रा० ज्ञा० ० जहता भा० वरजूदवी के पुत्र लुंठा ने स्वश्रेयोर्थ. कुंथुनाथचौवीशी श्री सीमंधरस्वामि-जिनालय में (भांडासर) प्रा० ज्ञा० प्रतिमा-प्रतिष्ठापक श्रेष्ठि वीरवाड़ावासी प्रा० ज्ञा० श्रे० रत्नचंद्र भा० माघदेवी के पुत्र भीमराज ने स्वभा० हेमवती आदि के सहित स्वश्रेयोर्थ. बीकानेर संभवनाथ तपा० इन्द्रनंदि सूरि चूरू ( बीकानेर - राज्य) के श्री धर्मनाथ कछोलीवाल- प्रा०ज्ञा० शा ० कर्मा भा० कुनिगदेवी पुत्र दोला ने भा० गच्छीय विद्यासागरसूरि देल्हादेवी, चोलादेवी, भ्रातृ भुंणा के सहित स्वश्रेयोर्थ. तपा० सागरसूरि पत्तन में प्रा० ज्ञा० श्रे० गोगा ने स्वभा० राणीदेवी, पुत्र वरसिंह भा० बीबूदेवी, भ्रातृ अमरसिंह, नरसिंह, लोलादिसहित शांतिनाथ - जिनालय में पंचतीर्थी श्री पार्श्वनाथ - जिनालय में (दुर्ग) लक्ष्मी [ ४१७ जैसलमेर प्रा० ज्ञा० श्रे० सहजा की स्त्री वजू देवी के पुत्र धरणा ने स्वस्त्री कुवरीबाई, ज्येष्ठ भ्राता जावड़, नाकर प्रमुख परिजनों के सहित अहमदाबाद में कालूपुरवासी श्रीसंभवनाथ - जिनालय में पंचतीर्थी तपा० रत्नशेखर- प्रा० ज्ञा० श्रे० हापा की स्त्री रूपादेवी के पुत्र राणा ने स्वभार्या राजूदेवी, पुत्र पेथा आदि परिजनों के सहित स्वश्रेयोर्थ. सूरि जै० ले० सं० भा० २ ले १३२७, १३३१, १३५४, १३६१ । भा० ३ ले० २१२५, २१५२ ।
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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