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________________ ३१६] . : प्राग्वाट-इतिहास :: . [तृतीय बुधवार प्र. विक्रम संवत् प्र. प्रतिमा प्र. प्राचार्य प्रतिमाप्रतिष्ठापक श्रेष्ठि २६-१४८२ फा० शु० ३ कुंथुनाथ सोमसुन्दरसरि प्रा० शा० श्रे० सामंत के पुत्र मेघराज की पत्नी मेषा देवी के पुत्र झीझा, मला, रणसिंह में से रणसिंह ने स्वपितामाता के श्रेयार्थ. ४०-१४६१ मा० शु० ५ अभिनंदन सा० पू० प्रा. ज्ञा० नयणा भार्या कांऊ के पुत्र दादा, वाला हीराणंदमूरि ने अपने सर्व पूर्वज एवं अपने श्रेयार्थ ४१-१४६१ मार्ग शु० ५ महावीर जिनसागरसरि प्रा० ज्ञा० श्रे० मण्डन के पुत्र ईश्वर ने बुधवार चौवीशी ४२-१४६२ फा० शु०६ शांतिनाथ- रत्नप्रभसूरि प्रा० ज्ञा० श्रे० धागा भा० टबी ने पिता मोहन, सोमवार पंचतीर्थी माता माणिकदेवी के श्रेयार्थ. ४३-१४६२ वै० ० ५ , पूर्णि० सर्वाणंद- प्रा० ज्ञा० श्रे० राणा भार्या रयणदेवी के पुत्र लूणा ने शुक्रवार सूरि स्वश्रेयार्थः ४४-१४६६ ............ महावीर- सोमसुन्दरमरि अंबरणीवासी प्रा. ज्ञा० श्रे० लाषा भार्या राजी के पंचतीर्थी पुत्र शा. पांचा ने स्वभार्या सीतादेवी, पुत्र सामंत आदि के सहित. ४५-१४६६ मार्ग शु० २ अनंतनाथ , प्रा. ज्ञा० श्रे० हेमा ने पिता गोहा, माता पूनी, स्वभार्या चारु तथा पुत्र वीरम आदि के सहित काका सामल के श्रेयार्थ. ४६-१५ विमलनाथ- तपा०जयचंद्र- प्रा० ज्ञा० श्रे० विजयसिंह भार्या वीरुदेवी के पुत्र पंचतीर्थी देपा ने स्वभार्या पूरी, वीरी, पुत्र काहा, रामा, साजर, सवादि के सहित स्वश्रेयार्थ. ४७-१५०२ कुंथुनाथ प्रा० ज्ञा० श्रे० देवड़ भार्या भली की पुत्री श्रा० पंचतीर्थी रही ने स्वश्रेयार्थ. ४८-१५०३ मार्ग० शु०२ धर्मनाथ प्रा० ज्ञा० मं० लूणा भार्या तेजू के पुत्र मं० चांपा पंचतीर्थी ने स्वश्रेयार्थ स्वभा० चांपलादेवी, पुत्र भीड़ा, सांडा, जेसा खेटू पौत्र विमल, नाभा, राघवादि के सहित ४६-१५०३ फा ००२ शांतिनाथ प्रा० ज्ञा० श्रे० लाला भार्या सूदी के पुत्र छाड़ा पंचतीर्थी ने स्वभार्यादि कुटुम्बसहित. अ० प्रा० ० ले० सं० भा० २ ले० (३६)६२१, (४०)६२५, (४१)६२६, (४२)६२७, (४३)६२८, (४४)६२६, (४५)६३०, (४६)६३१, (४७)६३२, (४८)६३३, (४६)६३४
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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