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________________ खण्ड ] :: तीर्थ एवं मन्दिरों में प्रा०ज्ञा० सद्गृहस्थों के देवकुलिका - प्रतिमाप्रतिष्ठादिकार्य - श्री अचलगढ़तीर्थ :: २८ - १४५३ फा० शु० ५ शुक्रवार २६-१४५८ वै० शु० २ प्र. आचार्य प्रतिमाप्रतिष्ठापक श्रेष्ठ जीरा० शालि- प्रा० ज्ञा० ० जयशल ने पिता चाहड़, माता चांपलभद्रसूर देवी के श्रेयार्थ २७–१४५२ वै० शु० ५ शांतिनाथ - देवसुन्दरसूरि प्र. विक्रम संवत् २६-१४४६ वै० शु० ६ शुक्रवार प्रा० ज्ञा० श्रे० भाला ने पिता जीदा, माता फलूदेवी के श्रेयार्थ सोमवार पंचतीर्थी वासुपूज्य - सा० पू० धर्मपंचतीर्थी तिलकसूरि आदिनाथ तपा० श्रीसूरि प्रा० शा ० ० सोमराज भार्या सोनलदेवी ने पुत्र माठवी, धवल, मंशा के श्रयार्थ पार्श्वनाथ सोमसेनरि गुरुवार प्रा० ज्ञा० ० जशराज ने स्वपत्नी पद्मिनी के सहित श्रे० मामत पुत्र श्रे० पाता भार्या पामिणी के श्रयार्थ प्रा० ज्ञा० वाला और आका ने मं० कुरसिंह की स्त्री जयतूदेवी के पुत्र रूपा, कोला, कड्या के श्रेयार्थ ३१ - १४६१ ज्ये० शु० १० आदिनाथ- पासचंद्रसूरि प्रा० ज्ञा० श्रे० साल्हा ने अपने पिता राम, माता राजलशुक्रवार पंचतीर्थी देवी, अपने तथा अपने भ्राता वनझला के श्रेयार्थ ३२- १४६७ माघ शु० ५ शान्तिनाथ - चंचल ० मेरु- प्रा० ज्ञा० ० डीडा भार्या रयणादेवी की पुत्री मेची शुक्रवार पंचतीर्थी तुंगमूरि अपने श्रेयार्थ ३३-१४७४ ज्ये० शु० २ नेमिनाथ- पूर्णि० पासचन्द्र प्रा० ज्ञा० श्रे० जशराज भार्या राऊ की पुत्रवधू चांदूदेवी शनिश्चर पंचतीर्थी सूरि ने पति हीरा के श्रेयार्थ ३४-१४७७ मार्ग कृ०४ शान्तिनाथ - देवगुप्तसूर प्रा० ज्ञा० ० झांझण भार्या जालूदेवी के पुत्र धरणा पंचतीर्थी वे स्वयार्थ ३५ - १४७७ मार्ग कृ०४ सुपार्श्वनाथ - तपा० सोमपंचतीर्थी सुन्दरसूरि बुधवार ३०-१४५८ वै ० शु० ५ प्र. प्रतिमा पद्मप्रभ ३६–१४७७ ज्ये. शु० ४ कुंथुनाथपंचतीर्थी ३७-१४७८ माघ शु० ६ सुपार्श्व - चौवीशी ३८-१४८१ आदिनाथपंचतीर्थी 22 11 "" [ ३१५ 99 प्रा० ज्ञा० ० धरणा भार्या पूनी के पुत्र खेता भार्या हाँसलदेवी के पुत्र श्र० सुरसिंह ने स्वभार्या रूपी के सहित प्रा० ज्ञा० श्रे० कर्मसिंह भार्या धारूदेवी के पुत्र सबल ने स्वभार्या वयजलदेवी, पुत्र शिवादि के सहित प्रा० ज्ञा० ० श्रीचन्द्र भार्या सोढ़ी के पुत्र सीहा ने अपने श्रेयार्थ स्वभार्या जसमादेवी, पुत्र वीशल, विमल, देशलादि के सहित जंघुरालवासी प्रा० ज्ञा० श्र े० शेषराज ने स्वभार्या शाणीदेवी, पुत्र कुजा के सहित पिता गोधा, माता माणिकदेवी के श्रेया. श्र० प्रा० ले० जे० सं० भा० २ ले० (२६) ६०३, (२७) ३०४, (२८) ६०६, (२६) ६०७, (३०) ६०८, (३१) ६०६, (३२) ६१०, (३३) ६१३, (३४) ६१४, (३५) ६१५, (३६) ६१६, (३७)६१७, (३८) ६१६
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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