SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 399
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ . . :प्राग्वाट-इतिहास:: - [द्वितीय करते थे और धर्म-ध्यान में तल्लीन रहते थे । मंझुल नामक उनके एक पुत्र था । झंझुल भी अपने पिता सर्वदेव और माता महिमावती के सदृश ही गुणवान् और शुद्धव्रती श्रावक था। झंझुल की स्त्री पूर्णदेवी थी। इनके दो पुत्र और दो पुत्रियाँ हुई। प्रथम पुत्र देहड़ और द्वितीय देशल था । मोहिनी और पुनिणी नाम की दोनों पुत्रियाँ थीं। वैसे चारों भाई-बहिन स्वभाव से सुन्दर और गुणों की खान थे। परन्तु इन सब में देशल अधिक सहृदय और धार्मिक वृत्ति का था। वह महान् गंभीर, धैर्यवान् , शान्त, सौम्य और अति उदारात्मा था । उसने न्याय से उपार्जित द्रव्य का अनेक पुण्यकार्य कर के सदुपयोग किया था। स्थिरदेवी नामकी शीलगुणसम्पन्ना उसकी बी थी। यशहड़ (बाहड़), सूलण, रामदेव और आल्हण नामक इसके चार पुत्र हुये। इस समय अणहिलपुरपत्तन अपनी उन्नति के शिखर पर था। महाप्रतापी सिद्धराज जयसिंह गुर्जर सम्राट का राज्यकाल था। वि० सं० ११८४ माघ शु० ११ रविवार को श्रेष्ठि देशल ने अपने पुत्र यशहड़, मूलण और रामदेव के कल्याणार्थ श्रीमद् अभयदेवसरि द्वारा टीकाकृत 'श्रीज्ञाताधर्मसूत्रवृत्ति' नामक अंग को ताड़पत्र पर लिखवाया । इसी प्रकार देशल ने अन्य भी अनेक ग्रंथों की प्रतियाँ लिखवायीं और साधु, मुनिराजों को अर्पित की तथा भंडारों में भेंट की ।* वंशवृक्ष सर्वदेव [महिमावती] झंझुल [पूर्णदेवी] देहद देशल स्थिरदेवी] . मोहिणी पुषिणी यशहड वाहड़ा लण रामदेव यशहड़ (बाहड़) रामदेव श्रान्हण . श्रेष्ठि धीणाक वि० सं० ११६. विक्रम की ग्यारहवीं शताब्दी में प्राग्वाटज्ञातीय पूर्णदेव हो गया है। उसके सलपण, वरदेव और जिनदेव बाम के तीन पुत्र थे। सलषण बचपन से ही धर्मवृत्ति का था। उसने बड़े होकर जगच्चन्द्रसरि के करकमलों से जिनेन्द्रदीक्षा ग्रहण की और मुनि ज्ञानचन्द्र (धानचन्द्र) उसका नाम पड़ा। पूर्णदेव का दूसरा पुत्र वरदेव था। . . *५० सं० प्र० भा० ता० प्र०२७ पृ० २२-२४ (श्री ज्ञाताधर्मसूत्रवृत्ति)
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy