________________
खण्ड ]:: मंत्री भ्राताओं का गौरवशाली गूजर मंत्री-वंश और अबु दाचलतीर्थार्थ उनकी यात्रायें तथा श्र० उदयपाल : [ १८५ आंड़ के रत्नपाल और सोमा के खेता तथा पूना के तेजपाल, वस्तुपाल और चाहड़ नामक पुत्र हुए। चाहड़ की स्त्री धारमति थी और जगसिंह नामक पुत्र था ।
इन दोनों कुलों में अधिक प्रेम और स्नेहसंबंध था । ठ० शिवदेव के तीनों पुत्र खांखण, सोमचन्द्र और ठ० सोमसिंह ने तथा श्रे० देल्हण के पुत्र बड़ादि ने मिलकर अपने माता, पिताओं के श्रेयार्थ श्रीनागेन्द्रगच्छीय श्रीमद् विजयसेनसूरि के करकमलों से वि० सं० १२६३ वैशाख शु० १५ शनिश्वर को श्रीअबुदाचलतीर्थस्थ श्री लूणवसतिकाख्य श्रीनेमिनाथचैत्यालय में श्री पार्श्वनाथबिंब और श्री पार्श्वनाथपंचकल्याणकपट्ट प्रतिष्ठित करवाये | वंशवृक्ष:
१ सहदेव
शिवदेव
सोमसिंह [नायकदेवी] खांखण
सांवतसिंह सुहड़सिंह संग्रामसिंह
'' सिरपि
सोमचन्द्र बड़
I
रतनलाल
तेजपाल
देल्हण [ जयश्री ] I
वंशवृक्ष:२ बहुदेव
श्रे० उदयपाल वि० सं० १२६३
सोमा
खेता
वस्तुपाल
पूना
खोषा आसपाल
चाह [धारमति ] जगसिंह
चन्द्रावतीनिवासी प्राग्वाटज्ञातीय ठ० चाचिग की धर्मपत्नी चाचिणी के पुत्र राघवदेवकी धर्मपत्नी साभीय की कुक्षी से उत्पन्न उदयपाल नामक पुत्र था, जिसकी स्त्री का नाम अहिवदेवी था । इसके पुत्र आसदेव की स्त्री सुहागदेवी तथा उसके भ्राता ठ० भोजदेव धर्मपत्नी सूमल तथा भ्राता महं० आणंद स्त्री महं० श्री लुका ने अपने और मातापिता, पूर्वजों के श्रेयार्थ श्री अर्बुदाचलस्थ श्री लूणवसतिकाख्य श्री नेमिनाथचैत्यालय में बत्तीसवीं देवकुलिका विनिर्मित
*श्र० प्रा० जै० ले० सं० भा० २ ले ० २७६, २८० पृ० १८७