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अनन्य शिल्पकलावतार श्री लूणसिंहवसहि की हस्तिशाला में अन्य पांच (छः से दस) खत्तकों में प्रतिष्ठित मंत्रीभ्राता तथा
उनके पुत्रादि की प्रतिमायें। देखिये पृ० १७८ पर । (६) महं० मालदेव, महं० लीलादेवी, महं० प्रतापदेवी । (७) महं० वस्तुपाळ, महं० ललितादेवी, महं० वेजलदेवी।
(८) महं० तेजपाळ, महं० अनुपमादेवी । (९) महं० जैत्रसिंह, महं० जयतलदेवी, महं० जंभणदेवी, महं० रूपादेवी ।
(१०) महं० सुहडसिह, महं० सुहड़ादेवी, महं० सलखणादेवी।