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________________ खण्ड] :: मंत्री भ्राताओं का गौरवशाली गूर्जर-मंत्री-वंश और मंत्री अश्वराज और उसका परिवार :: [१०७ मंत्री अश्वराज और उसका परिवार सोम का प्रौढ़ आयु में ही शरीरान्त हो गया१ । त्रिभुवनपाल भी अल्पायु में ही स्वर्ग सिधार गया। सोम की मृत्यु के समय अश्वराज भी छोटा ही था । घर का समस्त भार सीता के स्कंधों पर आ पड़ा। अश्वराज जैसा सीता और उसका पुत्र रूपवान् था, वैसा ही गुणवान् भी था । वह अपनी माता का बड़ा आदर करता था अश्वराज और उसका परम आज्ञाकारी पुत्र था । उसने माता सीता को फिर से सुखी बना दिया। वह गूर्जरसम्राट के अति विश्वासपात्र मंत्रियों में से था। वह सोहालकग्राम में प्रमुख राज्याधिकारी था। अपने पूर्वजों के समान ही वह भी महादानी एवं धर्मिष्ठ था । इसने अनेक स्थलों में जहाँ यात्रियों का आवागमन अधिक रहता था अथवा जो तीर्थधामों के मार्गों में पड़ते थे कुएँ बनवाये, वापिकायें खुदवाई और प्रपायें लगवाई।३ चंडप (गूर्जर राजानो मंत्री हतो.(की० को०) चंडप्रसाद (नृपन्यापारमुद्रा धारण करतो हतो) सोम (सिद्धराजनो कोषाधिकारी हतो) विजय तिहणपाल केली (दीकरी) केली (दीकरी) . अश्वराज (प्राशाराज) कुमार देवी-कुंवरबाई लूणिग तेजपाल मल्लदेव [लीलुका-लीलु] वस्तुपाल [ललितादेवी, सौख्यलता] पूर्णसिंह.. ....... जैत्रसिंह (जयन्तसिंह) कुल देवी लूणसिंह ... . , पेथड़ (लावण्यसिंह) १-अश्वराज के विवाह के समय सोम नहीं था। २-त्रिभुवनपाल का विशेष उल्लेख कहीं देखने को नहीं मिला तथा जैसा मन्त्रीमाताओं ने अपने समस्त पूर्वजों और उनकी सन्तानों के श्रेयार्थ और स्मरणार्थ अनेक धर्मस्थलों में स्मारक बनवाये, शिलालेख खुदवाये, उनमें ऐसा कोई लेख अथवा स्मारक नहीं है जो त्रिभुवनपाल की संतति को स्मृत कराता हो । इससे सिद्ध है कि वह अविवाहित तथा अल्प अवस्था में ही स्वर्गस्थ हो गया था । ३-'स्वमातरं यः किलमातभक्तो वहन्प्रमोदेन सुखासनस्थाम् । सप्तप्रभाहप्तयशास्ततानोजयंतशत्रुञ्जयतीर्थयात्राः ।।५।। 'कुपानकूपारगभीरचेता वापीरवापी सरसी रसीमा । प्रपाः कृपावानतनिष्ठ दैव सौधान्यसौं धार्मिक चक्रवती ॥६०॥' 'स तारकीर्ति सुकुमारमूर्ति कुमारदेवीमिह पुण्यसेवी । किलोपयेमे द्रतहमगौरीमूरीकृताशेषजनोपकारः॥१२॥ व०वि० सर्ग०३ पृ०१४
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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