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________________ :: विषय-सूची :: पृष्ठांक विषय २६३ दोनों भ्राताओं के पुण्यकार्य और श्री शत्रुजयमहातीर्थ की संघयात्रा मांडवगढ़ के शाहजादा गजनीखां को तीन लक्ष रुपयों का ऋण देना atta का बादशाह बनना और मांडवगढ़ में धराशाह को निमंत्रण और फिर कारागार का दंड तथा चौरासी ज्ञाति के एक लच सिक्के देकर धराशाह का छूटना और नांदिया ग्राम को लौटना २६४ सिरोही के महाराव का प्रकोप और सं० धरणा का मालगढ़ में बसना महाराणा कुंभकर्ण की राज्यसभा में सं० धरणा २६५ 97 २६६ सं० धरणा को स्वप्न का होना मादड़ी और उसका नाम राणकपुर रखना २६७ श्री त्रैलोक्यदीपक-धरणविहार नामक चतुर्मुख- श्रादिनाथ - जिनालय का शिलान्यास और जिनालय के भूगृहों व चतुष्क का वर्णन सं० धराशाह के अन्य तीन कार्य और त्रैलोक्यदीपक - धरण विहार नामक जिनालय का प्रतिष्ठोत्सव २६८ श्रीमद् सोमसुन्दरसूरि के करकमलों से प्रतिष्ठा २६६ श्री राणकपुरतीर्थ की स्थापत्यकला जिनालय के चार सिंहद्वारों की रचना २७१ चार प्रतोलियों का वर्णन 39 प्रतोलियों के ऊपर महालयों का वर्णन २७२ प्रकोष्ट, देवकुलिकायें, भ्रमती का वर्णन कोण कुलिकाओं का वर्णन मेवमण्डप और उसकी शिल्पकला " " 27 " २७३ विषय [ ६१ पृष्ठांक रंगमण्डप राणकपुरतीर्थ चतुर्मुखप्रासाद क्यों कह लाता है सं० धरणा के वंशज मालवपति की राजधानी माण्डवगढ़ में सं० रत्नाशाह का परिवार मालवपति के साथ सं० रत्ना के परिवार का सम्बन्ध सं० सहसा द्वारा विनिर्मित अचलगढ़स्थ श्री चतुर्मुख-आदिनाथ - शिखरबद्ध जिनालय - अचलगढ़ -२७३ ..99 २७४ २७६ १७७ श्री चतुर्मुख-आदिनाथ - चैत्यालय और उसकी रचना मन्दिर की प्रतिष्ठा और मू० ना० बिंब की स्थापना सिरोही - राज्यान्तर्गत वशंतगढ़ में श्री जैन मन्दिर के जीर्णोद्धारकर्त्ता श्रे० झगड़ा का पुत्र श्रेष्ठ मण्डन और श्रेष्ठि धनसिंह का पुत्र श्रेष्ठ भादा पचननिवासी सुश्रावक छाड़ा श्रेष्ठिवर खीमसिंह और सहसा - श्रेष्टि प्राग्वाटज्ञातिभृंगार और उसके प्रसिद्ध प्रपौत्र ० छाड़ाक और उसके वंशज ० खीमसिंह और सहसा द्वारा प्रवर्त्तिनीपदोत्सव दोनों भ्राताओं के अन्य पुण्यकार्य श्री सिरोहीनगरस्थ श्री चतुर्मुख-आदिनाथजिनालय का निर्माता कीर्त्तिशाली श्रीसंघ - मुख्य सं० सीपा और उसका धर्म-कर्म-परायण परिवार सं० सीपा का वंश परिचय 09 RIDE २८२ 11 २८३ "7 २८४
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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