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:: प्राग्वाट-इतिहास::
ले०
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रा० जै० वीर राजपूताने के जैन वीर ले.
हिन्दी विद्या मंदिर, (गर्जर) अयोध्याप्रसाद गोयलीय देहली. सं० १९६० पो० ज्ञा० इति० पोरवाड़ ज्ञातिनो इतिहास ले.
___ स्वयं लेखक, (गूर्जर) ठ० लक्ष्मणसिंह
देवास. सं० १९८६ उ० हि. जै० ध० · उत्तर हिन्दूस्थानमा जैनधर्म ले.
लोंगमेन्स ग्रीन एण्ड कं०, (गूर्जर) चीमनलाल जेचंद शाह
बम्बई. सन् १९३७ जै० ज० जैन जगती
श्री शांतिगृह, _(हिन्दी) दौलतसिंह लोढ़ा 'अरविंद) धामणिया(मेवाड़). सं०१६६८ जै०ऐ०रा०मा० जैन ऐतिहासिक रासमाला संशो०
श्री अध्यात्मज्ञानप्रसारक मण्डल, __भाग १ (गूर्जर) मोहनलाल दलीचन्द शाह बम्बई. सं० १९६६ रा० मा० फार्वेससाहब लिखित रासमाला अनु०
दी फाइँस गुजराती सभा, भाग १ (गूर्जर) रणछोड़भाई उदयराम
बम्बई. सं० १९७८ __ भाग २ " "
" , , १९८३ ऐ० रा. सं० ऐतिहास राससंग्रह
ले.
श्री यशोविजय जैन ग्रंथमाला, भाग१,२,३,४ (गूर्जर) विजयधर्मसूरि
भाषनगर. सं० १९७६-७८ हि०शि०रा०र० श्री हितशिक्षारासनो रहस्य ले०
श्री जैनधर्मप्रसारक सभा, (गूर्जर) कवि ऋषभदास
भावनगर सं० १९८० म.प.या अं.ग.म.प. अंचलगच्छीय महोटी पट्टावली ............ श्री विधिपक्षगच्छस्थापक श्रार्यरक्षितमरि(गूर्जर)
पुस्तकोद्धारखाता, कच्छ. सं.१९८५ त०५० तपागच्छपट्टावली
श्री विजयनीतिसूरीश्वरजी लाईब्रेरी, भाग १
श्री कल्याणविजयजी अहमदाबाद. सं० १९६६ स० १० सं० तपागच्छ-श्रमण-संघ
श्री चारित्र-स्मारक ग्रंथमाला, (गुर्जर) श्री जयंतीलाल छोटासाल बीरमगाम. सं० १९६२ ५० स० पहावलीसमुच्चय . संपा० भाग १ (संस्कृत) मु० दर्शनविजयजी
, , १९८६ सो० सौ० का० सोपसौभाग्य काव्य .
अनु०
श्री जैन ज्ञानप्रसारक मण्डल, (गर्जर) मु. धर्मविजयी
बम्बई. सं० १९६१ उ० ग०प० उपकेशगडप्रबंध
ले.
अप्रकाशित (संस्कृत) श्रीमद्ककसरि गुर्वावली ___ .............,
श्री यशोविजय जैन ग्रंथमाला, मु० सुन्दरसूरि
भावनगर. सं० १९६७
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