SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 106
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ::सावन-स्वमग्री: सं० __सं० प्र०सं० श्री प्रशस्तिसंग्रह संपा० श्री देशविरति धर्माराधक समाज, (संस्कृत) अमृतलाल मगनलाल शाह अहमदावाद. सं० १९९३ नानं०जि०प्र० नाभिनन्दनजिनोद्धारप्रबंध संपा० श्री हेमचन्द्राचार्य जैन ग्रंथमाला, कक्कसरिविरचित (संस्कृत) पं० भगवानदास हरखचंद अहमदाबाद. सं० १९८५ प्र.चि. या प्र.चि.म. प्रबंध-चिंतामणि संपा. सिंघी जैन ज्ञान पीठ-विश्वभारती, मेरुतुजाचार्यविरचित(संस्कृत) मुनि जिनविजयजी शान्तिनिकेतन. सं० १९८६ । अनु० सिंघी जैन ग्रंथमाला, (हिन्दी) हजारीप्रसाद द्विवेदी अहमदाबाद. कलकत्ता. सं १९६७ पु० प्र० सं० पुरातनप्रबंधसंग्रह सिंघी जैन ज्ञानपीठ. (संस्कृत) मु० जिनविजयजी कलकत्ता. १९६२ प्रबंधकोश सिंघी जैन ज्ञानपीठ, राजशेखरसरिकृत (संस्कृत) , शांतिनिकेतन. सं० १९६१ ख०मा००इति० खंभातनो प्राचीन जैन इतिहास ले० श्री आत्मानंद-जन्मशताब्दी-स्मारक-ट्रस्टबोर्ड, (गूर्जर) नर्मदाशंकर त्रंबकराम बम्बई. सं. १९६६ प्रा० भा. व. प्राचीन भारतवर्ष ले. शशिकान्त एण्ड कं०, भाग १,२,३,४,५,, लहेरचंद्र त्रिभुवनदास बड़ौदा. सं० १९६१-६७ मा० रा० इति. मारवाड़राज्य का इतिहास ले. आर्कियॉलॉजिकल डिपार्टमेंट, भाग १,२ (हिन्दी) पं० विश्वेश्वरनाथ रेउ जोधपुर. सं० १९६५ हिन्दी साहित्य मंदिर, , जगदीशसिंह गहलोत जोधपुर. सं० १९८२ रा० इति. राजस्थाननो इतिहास अनु० सस्त-साहित्यवर्धक कार्यालय, जेम्स टॉडप्रणीत (गुर्जर) रतसिंह दीपसिंह परमार अहमदाबाद. बम्बई. सं० १९८२ सि. रा० इति सिरोही राज्य का इतिहास ले. स्वयं लेखक ---(हिन्दी) पं० गौरीशंकर हीराचंद्र अोझा सं० १९६८ ० रा० इति० डूंगरपुर-राज्य का इतिहास ले० स्वयं लेखक (हिन्दी) , सं० १९६२ इति. खंभातनो इतिहास ले०/ खंभात-राज्य (गूर्जर) पं० रत्नमणिराव भीमराव सं० १९६१ चं० श्री चौलुक्यचंद्रिका विद्यानंदस्वामी .. बासदा-स्टेट (लाट-गूर्जर) सं० १९९३ गु० म० रा० इति. गुजरातनो मध्यकालीन गूर्जर वर्ना० सोसाइटी, राजपूतइतिहास (गूर्जर) दुर्गाशंकर केवलराम शास्त्री अहमदाबाद. सं० १९६३ .
SR No.007259
Book TitlePragvat Itihas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDaulatsinh Lodha
PublisherPragvat Itihas Prakashak Samiti
Publication Year1953
Total Pages722
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy