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________________ मृत्यु महोत्सव जल्द और अचानक किसी के साथ झगडा करता है, और तोप की नली के अन्दर भी पीसी कीर्ति को ढूँढता है । (५) गोलमटोल पेटधारी, दाढ़ीधारी, सख्त आँखोंवाला, अच्छी बातें करता और वर्तमान दृष्टांत देते एक न्यायाधीश के रूप में । (६) बच्चे जैसा तीखा और बांसुरी तथा सोटी की मिश्रित आवाज़ों जैसी सांस लेते हाडपिंजर जैसा और नासिका पर उतरे हुए चश्मे को उपर चढाते और ढीली पतलून को ऊपर चढ़ाते हुए वयोवृद्ध इंसान के रूप में। (७) बालक के पुनरावतार जैसा दंत विहीन, मुंदी हुई आँखोवाला, बेस्वाद बनी हुई जीभवाला और सभी प्रकार से निर्बल हो गये जैफ़ आदमी के रूप में । - - शेक्सपियर What is death? Just a change of dress and address. कहाँ नहीं है मौत? मौत के mouth में बैठा है संसारी प्राणी । - आचार्यश्री विद्यासागर मुनि • मौत जितनी अनिश्चित है, उतनी ही सुनिश्चित भी । - डॉ. भागचन्द्र भास्कर कभी न होगा ज़िंदगी का यह सफ़र खत्म | मौत सिर्फ़ रास्ता बदल देगी । - एक उर्दू शायर शुभ जीवन, पवित्र मौत - यही है सार सर्वस्व । जिसे मृत्यु के साथ मित्रता हो, अथवा जो मृत्यु से बचकर भाग सके ऐसा हो या मैं मरूँगा ही नहीं ऐसा जिसे निश्चय हो, वह सुख की नींद सो सकता है । -श्री तीर्थंकर छजीवनिकाय अध्ययन • मौत की निश्चित पल हम जान नहीं सकते, अतः त्वरा से धर्म में श्रीमद् राजचंद्र संग्रह का अंत विनाश है, ऊपर चढने का अंत नीचे पडना है, संयोग का अंत वियोग है और जीवन का अंत मरण है । सावधान होना चाहिये । - वाल्मिकी रामायण जन्मे हुए का मरण निश्चित है और मरे हुए का जन्म । अतः अटल के विषय में तुम्हें शोक करना उचित नहीं है । - भगवद् गीता २ - २७ ३९
SR No.007251
Book TitleMrutyu Mahotsav
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhyansagar Muni
PublisherPrakash C Shah
Publication Year2011
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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