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________________ आगम संबंधी साहित्य उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादि [ अ - कार ] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता उपांग-प्रकीर्णक सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स श्रीआगमोद्धारसंग्रहे भागः २ 10 यहां देखीए जं.२६ प्रज्ञा०२२ प्रकी०२७ औपपातिकाद्युपांगानां चतुःशरणादिप्रकीर्णकदशकस्य च सूत्रगाथाउकारादिः दीप क्रमांक के लिए सूत्राद्यादि XXAMREKREENA आगमांकः सूत्राधा देखीए | अगंतूर्ण समुग्धातं अगीअत्थस्स बयणेणं अग्गिम्मिय उदयम्मियः २७-८०१ | अग्गिस्स दाहिणे पासे २७-११३४ | अश्वम्भुयगुणवंते २५-१ | अच्छिनिमीलियमेतं २१-९३ | अछि पब्बं बलिमोडओ २७-११६ | अच्छिमलो कन्नमलो १९-८ | अच्छे असुरियावत्ते २९-४१३ | अच्छेरयं च लोए अइदुल्लहमेसर्ज अउणाण उइ सहस्सा अउणासीह सहस्सा अकसाइणो सब्वत्थोवा | अकंडेऽचिरभावित्र S अकित्ताणं समुग्घायं अगणिअ जो मुफ्खसुहं २२-२३०] अजयणाए पकुब्बति २७-८२९ २७-७५५ | अजीवपरिणामेणं० कतिविधे २२-१८४सू० २७-२५२१ | अजीवपज्जवाणं भंते!काबिहा २२-११८सू० २६-२ अजोरुह वोडाणे २२-४१ २७-२१ अज्झयणमिणं चित्तं २२-५ २१-२१ | अझबसाणविसुद्धी २७-२४२१ २२-२३ | अदुट्टियचित्ता २७-५६८ | अट्ठमयठाणजड्ढो २७-६२८ २५-६७ | अट्ठविहकम्ममूलक २७-७०२ २७-१५८२ | अट्ट सए आसीए २७-२०१२ 'सवृत्तिक आगम सुत्ताणि जहा १९ लिखा है वहा 'औपपातिक' आगम समझना, इसी तरह जहा २६ लिखा है वहा 'निरयावलिका-पञ्चक' आगम समझना. अ-कारादि अनुक्रममे जो सूत्रायंक दिये है वे सब सूत्र या गाथा इत्यादि को आगमोद्धारश्री संपादित प्रतमे दिये गये क्रमांक अनुसार समझना
SR No.007211
Book TitleUpaang Prakirnak Sootra Ggaathaaadi Akaaraadi Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages79
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size39 MB
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