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कल्प
सूत्र
प्रत
सूत्रांक
[-]
गाथा
II-II
दीप
अनुक्रम
[-]
नकल मुताबीक असल.
गवरी शरीरतदार दरबार ऑफीस सलाना
दशाश्रुतस्कंध-अध्ययनं-८ “कल्पसूत्र” - (मूलं + वृत्ति:)
.......... व्याख्यान [-]
मूलं [-] / गाथा [-]
मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.. दशाश्रुतस्कंध अध्ययन-८ “कल्पसूत्र" मूलं एवं विनयविजयजी रचिता वृत्तिः:
रुखकार महकमे आलीये ईजलास खास सरकार सैलाना सीश्री माहाराज श्रीराज माहाराजा श्रीश्री १०८ श्री दिलीप सिंहजी साहब बहादुर ता११५ नवम्बर सन् १८२१ सम्पत्
१८७८
नंबर
HMA
ABVE
मुद्रा राज्य से लाना १९७९
सं
2
AVIV
वरी नकल.
दीवान दरबार.
1940
जैन श्वेताम्बर मंदीर मार्गी माहाजनान सैलानाके
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••• शैलाना-नगरस्य नृपेण (राज्ञा) पूज्य आनन्दसागरसूरीश्वरं प्रदत्त खिताब:
आगमो प्यारक तपागच्छा-चार्य श्री आनंद सागर सूरीजी
माहाराज ने हमारी इच्छानुसार इस साल सैलाने में धातु मसि कीय..उनके अनेक विषयों पर व्याख्यान हुबे. वो सु नकर हम खुश हुये. इस खुशी में नीन्ये ली से माफीक हुक्म देने में आता है.
१ हर जेक साल भीती. भादवा वीदी १२ सें मीती भाट्या
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