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आगम
(४०)
"आवश्यक'- मूलसूत्र-१ (नियुक्ति:+वृत्ति:) भाग-२ अध्ययनं H, नियुक्ति: [१८४], विभा गाथा H, भाष्यं [३...], मूलं - /गाथा-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[४०], मूलसूत्र-[१] "आवश्यक नियुक्ति: एवं मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्ति:
प्रत
सत्राक
रणभूमी, उत्तरपुरथिमिल्ले एकरगपषते, मंदरे समोसरितो जाव पञ्जवासइ, एवमवसेसावि इंदा भाणियवा जाव अवतो,
इमं नाणसं-पउरासीती १ असीती २ बावत्तरी व ३ सत्तरी य ४ सट्ठी ५ पण्णा तालीसा - तीसा वीसा 51 दस सहस्सा १० एते सामाणिवा, बत्तीस अट्ठावीसा बारस अट्ठ पउरो सयसहस्सा, पण्णा चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहसारे,
आणथपाणयकप्पे चचारि सया, आरणचुए तिणि सया, एए विमाणा, इमे जाणविमाणकारी-पालए १ पुष्फए २ सोमणसे द सिरिषच्छे ४ नंदियावत्ते ५ कामगमे ६ पीइगमे ७ मणोरमे ८ विमले ९ सवतोभदे १०, सोहम्मगाणं सर्णकुमाराणं ५
बंभलोगाणं महासुकाणं आणय आरण]गाणं सुघोसा घंटा हरिणेगमेसी पायताणीयाहिवती उत्तरिल्ला निजाणभूमी दाहिणपुरथिमिल्ले रइकरगपचते, ईसाणगाणं माहिंदलंतगसहस्सार पाणय] अञ्चयइंदाणं महाघोसा घंटा लहुपरक पायताणीयाधिवती दक्षिणिल्ले निजाणमग्गे उत्तरपुरस्थिभिल्ले रतिकरगपवते, सकस्स अभितरपरिसाए दुवालस देवसहस्सा मशिमपरिसाए चोदस देवसहस्सा बाहिरपरिसाए सोलस देवसहस्सा, ईसाणस्स अम्भितरपरिसाए दस देवसहस्सा मज्झिमपरिसाए बारस देवसहस्सा बाहिरिआए परिसाए चोद्दस देवसहस्सा, सर्णकुमारस्स अम्भितरपरिसाए अह देवसहस्सा मज्झिमिआए परिसाए दस देवसहस्सा बाहिरिआए परिसाए वारस देवसहस्सा, माहिदस्स देविंदस्स अम्भित-18 रिमाए परिसाए छ देवसहस्सा मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवसहस्सा बाहिरपरिसाए दस देवसहस्सा, बंभलोगस्स। अभितरियाए परिसाए चत्तारि देवसहस्सा मज्झिमपरिसाए छ देवसहस्सा बाहिरपरिसाए अह देवसहस्सा, लंतगस्स। अम्भितरपरिसाए दो देवसहस्सा मजिसमपरिसाए पत्तारि देवसहस्सा बाहिरपरिसाए छ देवसहस्सा, महासुफस्स अभि-18
दीप अनुक्रम
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