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हमारे यहाँ प्राप्त महत्त्वपूर्ण प्रकाशन आध्यात्मिकसत्पुरुष श्री कानजी स्वामी के प्रवचन अन्य प्रकाशन प्रवचनरलाकर भाग 1 से 11 तक/नयप्रज्ञापन मोक्षशास्त्र/चौबीस तीर्थंकर महापुराण दिव्यध्वनिसार प्रवचन/समाधितंत्र प्रवचन . बृहद जिनवाणी संग्रह/रत्नकरण्डश्रावकाचार मोक्षमार्ग प्रवचन भाग-1,2,3,4/ज्ञानगोष्ठी समयसार/प्रवचनसार/क्षत्रचूड़ामणि श्रावकधर्मप्रकाश/भक्तामर प्रवचन समयसार नाटक/मोक्षमार्ग प्रकाशक सुखी होने का उपाय भाग 1 से 8 तक स म्यज्ञानचन्द्रिका भाग-2 (पूर्वार्द्ध उत्तराई) एवं भाग3 वी.वि. प्रवचन भाग 1 से 6 तक/कारणशुद्धपर्याय बृहद द्रव्यसंग्रह/बारसाणुवेक्खा डॉ. हुकमचन्दजी भारिल्ल के प्रकाशन नियमसार/योगसार प्रवचन/समयसार कलश समयसार(ज्ञायकभावप्रबोधिनि)/समयसार का सार तीनलोकमंडल विधान/ज्ञानस्वभाव ज्ञेयस्वभाव समयसार अनुशीलन सम्पूर्ण भाग 1,2,3,4,5 आचार्य अमृतचन्द्र : व्यक्तित्व और कर्तृत्व प्रवचनसार (ज्ञायज्ञेयप्रबोधिनि)/प्रवचनसार कासार पंचास्तिकाय संग्रह/सिद्धचक्र विधान प्रवचनसार अनु. भाग-1 से 3/णमोकार महामंत्र भावदीपिका/कार्तिकेयानुप्रेक्षा/मोक्षमार्ग की पूर्णता चिन्तन की गहराईयाँ/सत्य की खोज/बिखरे मोती परमभावप्रकाशक नयचक्र/पुरुषार्थसिद्ध्युपाय बारह भावना : एक अनुशीलन/धर्म के दशलक्षण इन्द्रध्वज विधान/धवलासार/द्रव्य संग्रह बालबोध भाग 1,2,3/तत्त्वज्ञान पाठमाला भाग 1,2 रामकहानी/गुणस्थान विवेचन/जिनेन्द्र अर्चना वी.वि. पाठमाला भाग 1,2,3/ध्यान कास्वरूप सर्वोदय तीर्थ/निर्विकल्प आत्मानुभूति के पूर्वआत्मा ही है शरण/सूक्तिसुधा/आत्मानुशासन कल्पद्रुम विधान/तत्त्वज्ञान तरंगणी/रत्नत्रय विधान पं. टोडरमल व्यक्तित्व और कर्तृत्व नवलब्धि विधान/बीस तीर्थकर विधान 47 शक्तियों और 47 नय/रक्षाबन्धन और दीपावली पंचमेरुनंदीश्वर विधान/रत्नत्रय विधान तीर्थकर भगवान महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ जैनतत्त्व परिचय/करणानुयोग परिचय भ. ऋषभदेव/प्रशिक्षण निर्देशिका/आपकुछ भी कहो आ. कुन्दकुन्द और उनके टीकाकार क्रमबद्धपर्याय/दृष्टि का विषय/गागर में सागर कालजयी बनारसीदास/आध्यात्मिक भजन संग्रह पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव/जिनवरस्य नयचक्रम छहराला (सचित्र)/शीलवानसुदर्शन पश्चात्ताप/मैं कौन हूँ/मैं स्वयं भगवान है/अर्चना जैन विधि-विधान/क्या मृत्यु अभिशाप है? मैं ज्ञानानन्दस्वभावी हूँ/महावीर वंदना (कैलेण्डर) चौबीस तीर्थकर पूजा/चौसठ ऋद्धि विधान णमोकार एक अनुशीलन/मोक्षमार्ग प्रकाशक का सार जैनधर्म की कहानियाँ भाग 1 से 15 तक रीति-नीति/गोली का जवाब गाली से भी नहीं सत्तास्वरूप/दशलक्षण विधान/आ. कुन्दकुन्ददेव समयसार कलश पद्धानुवाद/योगसार पद्धानुवाद पंचपरमेष्ठी विधान/विचार के पत्र विकार के नाम कुन्दकुन्दशतक पद्धानुवाद/शुद्धात्मशतक पद्धानुवाद आचार्य कुन्दकुन्द और उनके पंच परमागम पण्डित रतनचन्दजी भारिल्ल के प्रकाशनपरीक्षामुख/मुक्ति का मार्ग/युगपुरुष कानजीस्वामी जान रहा हूँ देख रहा हूँ/जम्बू से जम्बूस्वामी अलिंगग्रहण प्रवचन/जिनधर्म प्रवेशिका विदाई की बेला/जिन खोजा तिन पाईयां वीर हिमाचलते निकसी/वस्तुस्वातंत्र्य ये तो सोचा ही नहीं/अहिंसा के पथ पर समयसार : मनीषियों की दृष्टि में/पदार्थ-विज्ञान सामान्य श्रावकाचार/षट्कारक अनुशीलन व्रती श्रावक की म्यारह प्रतिमाएं/सुख कहाँ है ? सुखी जीवन/विचित्र महोत्सव
भरत-बाहुबली नाटक/अपनत्व का विषय संस्कार/इन भावों का फल क्या होगा सिद्धस्वभावी ध्रुव की ऊर्ध्वता/अष्टपाहुड़ यदि चूक गये तो
शास्त्रों के अर्थ समझने की पद्धति