________________
१७
राजमल पवैया रचित शताधिक पुस्तकों में से कुछ पुस्तकें १. चतुर्विशति तीर्थकर विधान
२. तीर्थकर निर्वाण क्षेत्र विधान ३. सम्मेद शिखर विधान
४. वृहद् इन्द्रध्वजमंडल विधान ५. शान्ति विधानं
६. विद्यमान बीस तीर्थकर विधान ७. चौसठ ऋद्धि विधान
८. पंचमेरु विधान ९. नंदीश्वर विधान
१०. जिन गुण संपत्ति विधान ११. तीर्थकर महिमा विधान
१२. याग मंडल विधान १३. पंचपरमेष्ठी विधान
१४. पंच कल्याणक विधान १५. कर्म दहन विधान
१६.जिन सहस्रनाम विधान १७. कल्पद्रुम विधान
१८. गणधर वलय ऋषिमंडल विधान १९. जैन पुजांजलि
२०. तीर्थ क्षेत्र पुजांजलि २१. श्रुत स्कंध विधान
२२. पूजन किरण २३. पूजन दीपिका
२४. मंगल पुष्प द्वतीय २५. मंगल पुष्प तृतीय
२६.. समकित तरंग २७. नित्यपाठ अपूर्व अवसर
२८. तीस चौबीसी विधान २९.आदिनाथ भरत बाहुबलि पूजन
३०. शांति कुन्थु अरनाथ ३१. नेमि पार्श्वनाथ महावीर
३२. गोम्मटेश्वर बाहुबलि ३३. भगवान महावीर
३४. जैन धर्म सार्व धर्म ३५. वीरों का धर्म
३६. जन मंगल कलश ३७. जीवन दान
३८. सिद्ध चक्र वंदना ३९. तीनलोक तीर्थ यात्रा गीत
४०.भक्तामर विधान ४१. चतुर्विशति स्तोत्र
४२. जिनेन्द्र चालीसा संग्रह ४३. चतुर्दश भक्ति
४४. जिन सहस्रनाम हिन्दी ४५. जिन वंदना
४६. मुनि वन्दना ४७. आत्म वन्दना
४८. पंचास्तिकाय विधान ४९. अनुभव
५०. परमब्रह्म ५१. सैतालीस शक्ति विधान
५२.कुन्दकुन्द महिमा ५३. कुन्दकुन्द वाणी
५४. इन्द्रध्वज विधान ५५. एक सौ सत्तर तीर्थकर विधान
५६. कुन्दकुन्द वचनामृत ५७. श्री कल्पद्रुम मंडल विधान
५८. श्री तत्वार्थ सूत्र विधान ५९ श्री दसलक्षण विधान
६०. श्री प्रवचन सार विधान ६१. श्री नियमसार विधान
६२. श्री अष्टपाहुड़ विधान ६३. श्री समयसार विधान
६४. श्री रत्नकरंड श्रावकाचार विधान ६५. श्री परमात्म प्रकाश विधान
६६. श्री षटखंडागम सत्प्ररूपणा विधान ६७. कार्तिकेयानुप्रेक्षा विधान
६८. श्री पुरुषार्थ सिद्धि उपाय विधान ६९. श्री योगसार विधान
७०. श्री द्रव्य संग्रह विधान ७१. श्री कसायपाहुड विधान
७२. समाधि शतक विधान ७३ श्री गोम्मटसार विधान
७४. श्री समयसार कलश विधान ७५. श्री पद्मनन्दि श्रावकाचार विधान
७६. श्री धर्मोपदेशामृत विधान ७७. तत्त्वानुशासन विधान
७८. श्री दानोपदेश विधान ७९. इष्टोपदेश विधान
८०. श्री तत्त्वज्ञान तंरगिणी विधान ८१. श्री भवण बेलगोला विधान
८२. श्री ज्ञानार्णव विधान ८३. श्री आत्मानुशासन विधान
८४. श्री कर्म दहन विधान ८५. श्री. बारस अणुबेक्खा विधान
८६. श्री पंच बालयति विधान श्री नियमसार कलश विधान