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स्व. श्री अनिलभाई मलुकचन्द कामदार देह-संयोग
देह-वियोग 03-05-1933
11-08-2013
भोर की स्वर्णिम छटा-सम, क्षणिक सब संयोग हैं। पद्म-पत्रों पर पड़े जल-बिन्दु सम सब भोग हैं।। काल की काली घटा, प्रत्येक क्षण मँडरा रही। किन्तु पल-पल विषय-तृष्णा, तरुण होती जा रही।
स्व. श्री अनिलभाई मलुकचन्द कामदार
दादर, मुम्बई की स्मृति में
देवांग अनिलभाई कामदार
दादर, मुम्बई की ओर से स्वाध्याय हेतु सप्रेम भेंट..
मो. 098920 33221