________________
अनेकान्त-स्याद्वाद
369
सभी लोग स्याद्वाद शैली से अनेकान्तस्वरूप वस्तु का निर्णय करके, निश्चय-व्यवहार रत्नत्रय की प्राप्ति करना ही श्रेयस्कर है।
अभ्यास-प्रश्न
- स्याद्वाद के परस्पर सम्बन्ध को और किन-किन नामों से कहा
1. अनेकान्त -
जा सकता है ?
2. 'अनेकान्त' शब्द की शाब्दिक व्युत्पत्तियाँ कीजिए ।
3. 'स्याद्वाद' शब्द की व्याख्या कीजिए।
4. अनेकान्त में अनेकान्त से क्या तात्पर्य है ? 5. क्या स्याद्वाद के द्वारा सभी धर्मों का समन्वय सम्भव है ?
वस्तु-स्वरूप व्यवस्था द्वारा, निज को स्थापित करता । इसप्रकार यह अनेकान्त, जिनशासन सिद्ध अलंघ्य हुआ ।। समयसार कलश, 263 स्याद्वाद द्वारा प्रदीप्त जो, जगमग करता जिसका तेज । शुद्ध स्वभावरूप महिमामय, मुझमें हुआ प्रकाश उदय । । बन्ध - मोक्ष - पथ में पड़नेवाले भावों से मुझको क्या । नित्य उदित रहने वाला यह, परम स्वभाव मुझे प्रगटा ।।
समयसार कलश, 269
-
-