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________________ आत्मकथ्य समाधि, साधना और सिद्धि क्रोधादि मानसिक विकारों का नाम है आधि' शारीरिक रोग का दूसरा नाम है 'व्याधि' पर में कर्तृत्व बुद्धि का बोझ है 'उपाधि' उपर्युक्त तीनों विकृतियों से रहित - शुद्धात्मस्वरूप में स्थिरता का नाम है 'समाधि' समाधि की समझ से होती है आत्मा की प्रसिद्धि समाधि की साधना से होती है आत्म सद्गुणों में अभिवृद्धि और बढ़ती है आत्म शक्तियों की समृद्धि प्रस्तुत कृति का नाम है 'समाधि, साधना और सिद्धि'. जो पुनः-पुनः पढ़ेगा इसे उसके आत्मा में होगी विशुद्धि और होगी आत्मशान्ति में वृद्धि x x x x 'समाधि' है जीवन जीने की कला इससे होता है आत्मा का भला इसे न समझो बला, अन्यथा यों हीचलता रहेगा संसरण का सिलसिला सल्लेखना' है मृत्यु महोत्सव का जलजला और इसी से पहुँचते है सिद्ध शिला अब तक संयोगों के राग में यों ही गया छला मैं तो अकेला ही आया था; और अब अकेला ही चला, समाधि है जीवन जीने की कला। - - रतनचन्द भारिल्ल
SR No.007150
Book TitleSamadhi Sadhna Aur Siddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanchand Bharilla
PublisherAkhil Bharatvarshiya Digambar Jain Vidwat Parishad Trust
Publication Year2004
Total Pages26
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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