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प्रकाशकीय तीर्थंकर भगवान महावीर के 2500 वें निर्वाण महोत्सव एवं परमागम मन्दिर, सोनगढ़ के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर पूज्य गुरुदेव श्री कानजी स्वामी के मंगल सान्निध्य में धर्मरत्न पण्डित बाबूभाई मेहता के अथक प्रयासों से श्री कुन्दकुन्द- कहान दिगम्बर जैन तीर्थ सुरक्षा ट्रस्ट, मुंबई की स्थापना की गई। उक्त ट्रस्ट ने अनेक योजनाएँ क्रियान्वित की, जिसमें कुछ निम्नानुसार हैं - ... : 1. तीर्थ सुरक्षा एवं जीर्णोद्धार -
(क) इसके अन्तर्गत 17 तीर्थक्षेत्रों का सर्वेक्षण कार्य पण्डित श्री ज्ञानचन्दजी, विदिशा के नेतृत्व में किया गया। ___ (ख) लगभग 25 वर्षों के अथक प्रयासों से ट्रस्ट के महामंत्री वसंतभाई मूलचंद दोशी, मुंबई ने शाश्वत तीर्थधाम श्री सम्मेदशिखरजी के संदर्भ में अभूतपूर्व सफलताएँ हासिल की। .. (ग) अंतरीक्ष पार्श्वनाथ शिरपुर के संदर्भ में पण्डित श्री ब्र. धन्यकुमार बेलोकर के प्रयासों को भी भुलाया नहीं जा सकता।
(घ) दिगम्बर जिनमन्दिरों का जीर्णोद्धार, नवीन जिनमन्दिरों एवं स्वाध्याय भवनों के निर्माणकार्य में चालीस से अधिक जगहों पर आर्थिक सहयोग दिया जा चुका है। वर्तमान में सहयोग राशि डेढ़ से ढाई लाख के बीच निर्धारित है।
(ङ) पौन्नूर में भव्य धर्मायतन तथा श्रवणबेलगोला में पूज्य श्री कानजी स्वामी विश्रान्ति गृह की स्थापना की गई।
(च) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के महोत्सव बावनगजा तथा श्रवणबेलगोला में श्री वसन्तभाई को मंत्री पद से सुशोभित किया गया।
2. महाविद्यालय की स्थापना व संचालन -
उक्त ट्रस्ट द्वारा श्री टोडरमल दिगम्बर जैन सिद्धान्त महाविद्यालय की स्थापना एवं संचालन जुलाई 1977 से लगातार किया जा रहा है। फलस्वरूप लगभग 600 शास्त्री विद्वान तैयार हुए हैं।