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अनुक्रम
07-13
14-24 . 15
1. तत्त्वज्ञान : एक अनूठी जीवन कला 2. सम्यग्दर्शन और उसका विषय (प्रथम)
, ज्ञान में हेय-उपादेय प्रवृत्ति व्यवहार श्रद्धा अथवा व्यवहार सम्यग्दर्शन श्रद्धा गुण की कार्य प्रणाली दृष्टि का विषय
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दृष्टि
3. सम्यग्दर्शन का विषय (द्वितीय)
25-50 (पूज्य गुरुदेव श्री कानजीस्वामी एवम् उनका जीवन दर्शन) वस्तु तत्त्व दर्शन
28 . जीव के अनादि अज्ञान का कारण व निवारण 29 आत्म-पदार्थ की अनैकान्तिक दृष्टि गुण-पर्याय का अहम् भी मिथ्यादर्शन ज्ञान का अनेकान्त व दृष्टि का एकान्त स्वरूप ज्वलंत प्रश्न का सरल समाधान क्या है पर्याय का हेयत्व ? सम्यक् श्रद्धा का श्रद्धेय पूर्ण ही होता है सम्यक् चारित्र का सौन्दर्य
.51-64
4. ज्ञानस्वभाव - सम्यग्ज्ञान
स्व-पर प्रकाशक स्वभाव
VI