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________________ जैन धर्म : सार सन्देश 50. हीरा लाल जैन - सम्पादक, जैनधर्मामृत, द्वितीय संस्करण, भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, 1965, चतुर्दश (चौदहवाँ ) अध्याय, श्लोक 33 और 63, पृ. 285 और 298 51. आचार्य देशभूषण महाराज - अनुवादक और सम्पादक, रत्नाकर शतक, श्री स्याद्वाद प्रकाशन मंदिर, आरा, 1950, पृ. 13 364 52. वही, पृ. 227-228 53. दीपचन्द जी शाह काशलीवाल, अनुभव प्रकाश, पृ. 56 54. वही, पृ. 30-31 55. वही, पृ. 11-12 56. चम्पक सागर जी महाराज, आत्म-मन्थन, श्री जैन सदाचार साहित्य समिति, जूनागढ़, 1965, पृ. 81-83 57. दीपचन्द जी शाह काशलीवाल, अनुभव प्रकाश, पृ. 36 58. नरेन्द्र विद्यार्थी - सम्पादक, वर्णी-वाणी, पञ्चम संस्करण, श्रीगणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, 1968, पृ. 160.7 और पृ. 161.9 59. वही, पृ. 92-93 8 60. दीपचन्द जी शाह काशलीवाल, अनुभव प्रकाश, पृ. 25 61. ज्ञानदर्पण, पद 43, दीपचन्द जी शाह काशलीवाल रचित अनुभव प्रकाश, पृ. 25 में उद्धृत 62. पण्डित टोडरमल, मोक्षमार्ग प्रकाशक, पहला अधिकार, पृ. 17 63. कुन्थुसागर जी महाराज, श्रावक प्रतिक्रमणसार, संशोधित तृतीय संस्करण, शिखरचन्द्र कपूरचन्द जैन, जबलपुर, 1957, पृ. 25-29 64. हुकमचन्द भारिल्ल, तीर्थंकर महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ, चतुर्थ संस्कारण, वीतराग - विज्ञान साहित्य प्रकाशन, आगरा, 1975, पृ. 123 65. मूलशंकर देशाई, देव गुरु शास्त्र का स्वरूप, श्री दिगम्बर जैन मंदिर, आगरा, 1961, q. 59 66. चम्पक सागरजी महाराज, आत्म-मन्थन, श्री जैन सदाचार साहित्य समिति, जूनागढ़, 1965, पृ.87 67. कुन्थुसागर जी महाराज, सुधर्मोपदेशामृतसार, आचार्य कुन्थुसागर ग्रन्थमाला, शोलापुर, 1940, पृ. 51 68. हीरालाल जैन-संकलन - अनुवादकर्ता, जिन-वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नयी दिल्ली, वाराणसी 1944, पृ. 17-21 69. दीपचन्द जी शाह काशलीवाल, अनुभव प्रकाश, पृ. 35
SR No.007130
Book TitleJain Dharm Sar Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Upadhyay
PublisherRadhaswami Satsang Byas
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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