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१२) सामायिक एक वैश्विक साधना - एक साधना समुचे मानव जाति के लिए
हमने यहाँ जो सामायिक की साधना विधि दी है, वह संपूर्ण मानवजाति के लिए है । जो भी आदमी नर से नारायण की ओर प्रवास करना चाहता है, उसके लिए सामायिक यह एक जलद रामबाण साधना है । यह साधना किसी धर्म, जात, पंथ या वंश तक ही सीमित नही। किसी भी धर्मपंथ का आदमी, जो जलद, इसी जन्म मे नैया पार करने की तीव्र प्यास दिल मे लिए हुए है। उसके लिए यह साधना उपयुक्त है। क्योंकि इस सामायिक की विधि में किसी धर्म या पंथ का नाम नही है । न किसी विशिष्ट भगवान का नाम है | इसमे न महावीर का नाम है, न ऋषभदेव का, न बुध्द का नाम है, न नानक का, न रामकृष्ण है न ब्रम्हा विष्णू ।
फिर भी ये सब महात्मा एक ही मंत्रोच्चारण मे आ गए है, वो है नवकार मंत्र (नमस्कार मंत्र) । जिसमे अरिहंतों को, सिध्दो 'को, आचार्यो को उपाध्याय को तथा सभी साधुसंतो को साधना के शुरू मे ही नमस्कार -वंदन किया जाता है । जग मे आज तक जो भी अरिहंत, सिध्द, आचार्य, उपाध्याय, या साधु बने भले वो किसी भी धर्मपंथ के हो उन सबको हम नमन करते है ।
इसलिए यह साधना समुचे मानवजाति के लिए है। किसी भी धर्मपंथ का आदमी इस साधना से विमुक्त हो सकता है । आत्मा से परमात्मा तक पहुँच सकता है । केवल श्रध्दा, लगन, साधना मे सातत्य, पूर्णता से सहभाग और मुक्ति की तीव्र प्यास आवश्यक है ।
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