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भरळ व মদa मतानां भवन हे हिनी मु आहेछ भने वे यहेो दूरीमाष बुद्ध महानीती कधी भामार्शने विजे परमार्थनो हाल भयो वे तथा जोड़े प्राप्त करातेमा जोये नये स्थान झोला लाख रुसुन तो नीत यो आहि कामनादि समी केही जल अल्मे दीनत्व उमुंछे हे देना भावी होत गति मने हमाती नमी- हेमहे सर्वस्वसंशयाव योग में उर्दी छो भने भैश्वर्य छतां प्रत्न हुदै छो तो भौवर्या विपरीत केशव मार्ग में कायदा छतेते आगे भी मानी निवृत्ति १२ आहे ते निवृत्ति को सर्वोतम स्वदुपनि भोको को २२हूदियत्येवा भावते उत्पन्न काय ओन ६५८ ११- भोषा भावना होती होखा ड्डे Frisian auch "deltid lj zg, thin, धन्ते छोटो नामले एमामा होते होएरवी विशेष भानुप्रेक्षा आये नम इश्शोनो विशेष उपावृत्तिबाहेक
rom भारत भोट छु धंदे. उदेछ हेलेमा भर करने श साध्य नही है. वेलेले परमार्थने नाते भारी बरार हुसेनी में arched शुद्ध वृकेट ड्रेस क्रमलेले सत्यराजे विजे मिध्या छते निवृत्त हरलाको बोट उद्योछे, ते इर्वटळ बने ४३ पार्थ विशेष नो हो? ह
मनुঈद
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