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पादनोंध श्री रामशर्मा आचार्य 'ऋग्वेद संहिता' भाग - ३ हरिद्वार, १९९५ पृ. ५० Maxmuler, The Sacred Books of the East xxx11 P. 389 डॉलरराय मांकड 'पसि४ मुनिनुं दर्शन' गुजरात विद्यासभा व्याख्यानमाला, १९६४ :
पृ. ३८
१०.
विजय हेमप्रभसूरीश्वरजी 'शब्दरत्न महोदधि' अमदावाद - १, १९८८ : पृ. १०४० 'त्रिपुरतापिन्युपनिषत्' 'देवीस्तोत्राणि' भाग - २ अंतर्गत, अंबाजी देवस्थान व्यवस्थापक समिति, अंबाजी, संवत् २०३२, चतुर्थोपनिषत् - ३, ४ त्रिपुरातापिन्युपनिषत् - चतुर्थोपनिषत् : पृ. १०२ डोलरराय मांकड 'पसि मुनिनु दर्शन' पृ. ३७ त्रिपुरातापिन्युपनिषत् - चतुर्थोपनिषत् - ६ ब्रह्मानन्द त्रिपाठी 'ललितासहस्रनाम' चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान, दिल्ली, १९८९ : पृ. ४१२ देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् - ७
त्रिपुरातापिन्युपनिषत्, चतुर्थोपनिषत् - ७ ; पृ. १०३ ११. भगवद्गीता १२. डॉ. जातुष जोशी ‘सौन्दर्यलहरी' पार्श्व पब्लिकेशन, अमदावाद २००७, पृ.७८ १३. सि४ मुनिनु दर्शन' पृ. ३७-३८ १४. भगवद्गीता १४.२० १५. भगवद्गीता - २५-१२ से १४ १६. डॉ. रुद्रदेव त्रिपाठी 'रुद्रयामलतन्त्र' रंजन पब्लिकेशन, दिल्ली, १९९४ : पृ. १५६ १७. वही पृ. १५७ १८. वही पृ. १५९-१६० १९. 'त्रिपुरातापिन्युपनिषत्' प्रथम उपनिषद् पृ. ५९
रुद्रयामलतन्त्र- पृ.१५८ २१. वही पृ. १५८
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