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शूल
रेवती चित्तभ्रम, उरःशूल रक्तचंदन, अर्कपुष्प, पित्तज्वर
घी, गूगल इस प्रकार सुगंधी द्रव्यों का होमात्मक प्रयोग रोग व मृत्यु से बचाते हैं। नक्षत्र रोग
द्रव्य पुष्य बुखार, सर्दी
कमल, कुंकुम,
चंदन, धूप आश्लेषा सर्वांग पीडा
अगस्त्य के पुष्प, चंदन मघा मघा शिरोरोग, गात्रकष्ट चंपक पुष्प, श्वेत चंदन,
अर्धांग वायु, रक्तविकार पूर्वा फाल्गुनी बुखार, शिरोरोग मालती पुष्प, चंदन,
बिल्वफल उत्तरा फाल्गुनी शिरोरोग, पार्श्वशूल, अर्कपुष्प, गूगल कमर दर्द
कपूर, केसर हस्त उदररोग, प्रस्वेद रक्तचंदन, कमलपुष्प सर्वांगपीडा
घी, गूगल चित्रा विचित्र रोग
विविध रंग के पुष्प, गंध केसर
स्वाति ज्वर, अनेक रोग, चंदन, अगरु, गूगल, घी
मृत्यु विशाखा पार्श्वशूल, वातप्रकोप, देवदारु - काष्ठ, कमल करिशूल
घी, गूगल अनुराधा शिरोदर्द, तीव्रज्वर चंदन, कमल, गूगल
सर्वांगपीडा ज्येष्ठा वातरोग, मनोरोग, चंपक पुष्प, धूप कंपवात, मृत्यु
कपूर, चंदन यह मंत्र पंचमी, दशमी या पौर्णमासी की तिथि पर करने से अवश्य लाभ होता है। इस मंत्र से अभिमंत्रित जल पीने से असाध्य रोग व मृत्यु दूर जाने की बात सर्वविदित है ।२५
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