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J10
Cited in DHV I. (pp 76-77)
Cf. Vimarsini?, pp.4-5 GV 129
कस्स व ण होइ रोसो काऊण हिरण्णक्खं कि भणिमो भण्णइ कित्ति (? किंत्तिय) कुलिसो तालेइ धरा कुविअ वि (? कुविआण) परम्मुहाणं कुविआएँ पाअपडणेण गज्ज [सु] जलअ जहिच्छं गज्ज महं चिअ उरि गहरइसु (? गहवइसु)
155.575 162.577
44.554 130.570 88.562
78.560 104.565 103.565 140.572
GS VI. 66 GS IV. 59
- ओच्चिएसु
GS III. 97 GS III. 13
Cf. Vimarsni p. 173 Cf.GS (W) 844 Cf. SK II. v. 370 Cf. Vajja 366
Cf. KP (p. 760)
गहवइ गओ म्ह सरणं चंदसरिसं मुहं से चिरसंठिओ वि विगलइ चोरिअरमणाउलिए जइ देवों पसण्णं जइ देवरेण भणिआ बाइ वच्चसि वच्च तुमं जं चेव मुउलणं (?मउलणं) लोअणाण जणणाएँ दुद्धधवला जह गहिरो (? गंभीरो) जह रअण जह जह मअस्स हरणं जह बालसणलीला जाएज्ज वणुद्देसे जाहे च्चिअ तुह चाओ जेण परक्कमणिहिणा जो जस्स विहवसारो जो रणमुहम्मि रण्णा जोवणवुड्ढी कमला जो सरहसपिअपरिरंभ ठाऊण जइ णिरिक्खइ ढुंढुल्लंतु/दुल्लितु ण अ रूवं ण अ रिद्धी णरणाह तुज्झ कित्ति
152.575 165.577 59.557 71.559 125.569 145.573 46.555 83.561 111.567
64.558 121.568 131.570 47.555 21.550 92.563 52.556 61.557 28.551 10.548 94.563
6.547 51.555 15.549
. GS III. 30
GS III. 12
Cited in Locana (p. 274) Cited in Vimarsini p. 159