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Samavāya twenty-one
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(xxi) blemish of frequently taking the food, drink, sweet-meats, dried fruits, etc., with cold water, wet hands, intentionally.
णियट्टिबादरस्स णं खवितसत्तयस्स 'मोहणिज्जस्स एक्कवीसं कम्मंसा संतकम्म पण्णत्ता, तंजहा-अपच्चक्खाणकसाए 10कोहे, एवं माणे माया लोभे। पच्चक्खाणकसाए कोहे, एवं माणे माया लोभे। संजलणे कोधे, एवं माणे माया लोभे। इत्थिवेदे, 11पुमवेदे, णपुंसयवेदे, हासे, अरति, रति, भय, सोके दुगुंछा। ..
The existence of twenty-one sub-species of the deluding karma is expounded (in the soul] having attained the stage of unprecedented degree of purity (nivsttibādarasampradāya) [and] already having annihilated its (deluding one's) seven species, namely: (i) non-renunciation hindering passion of anger, (ii) likewise [non-renunciation hindering passion of] pride, (iii) deceit, (iv) greed, (v) renunciation hindering passion of anger, (vi) likewise (renunciation hindering passion of} pride, (vii)) deceit, (viii) greed, (ix) likewise flaming up passion of anger, (x) likewise [ flaming up passion of] pride, (xi) deceit (xii) greed, (xiii) male libido, (xiv) female,libido, (xv) hermaphrodite libido, (xvi) laughing, (xvii) disliking, (xviii) liking, (xix) fear, (xx) sorrow [and] (xxi) disgust. ::
एक्कमेक्काए णं ओसप्पिणीए पंचम-12छट्ठीतो समातो 1 एक्कवीसं एक्कवीसं वाससहस्साई कालेणं पण्णत्तातो, तंजहा- दूसमा, दूसमदूसमा य।
7. "स्स कम्मस्स एकवीस मु०॥ 8. कम्मंसा नास्ति खं० लासं १॥ 9. "कम्मा खं० हे २ मु०। "मोहनीयस्य कर्मण एकविंशतिः कर्माशा अप्रत्याख्यानादिकषायद्वादशकनोकषायनवकरूपा उत्तरप्रकृतयः सत्कर्म सत्तावस्थं कर्म प्रज्ञप्तमिति"-अटी०॥ 10. कोहे अपच्चक्खाणकसाए माणे अपच्चक्खाणकसाए माया अपच्चक्खाणकसाए लोभे, पच्चक्खाणावरणकसाए कोहे पच्चक्खाणावरणकसाए माणे पच्चक्खाणावरणकसाए माया पच्चक्खाणावरणकसाए लोभे इत्थिवेदे पुंवेदे णपुंवेदे हासे अरतिरतिभयसोगदुगुंछा। एक्कमेक्काए णं ओसप्पिणीए पंचमछट्ठाओ समाओ एक्कवीसं एकवीसं वाससहस्साइं कालेणं प० तं० दूसमा दूसमदूसमा, एगमेगाए णं उस्सप्पिणीए पढमबितिआओ समाओ एकवीसं एकवीसं वाससहस्साई कालेणं प० तं० दूसमदूसमाए दूसमाए य मु०॥ 11. पुंवेदे हे १ ला २॥ 12. 'छट्ठातो ला १॥ 13. 'वीसं वाससहस्साई खं० जे०॥
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