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________________ आयेगा। क्या गैस में कठोरता हो सकती है? इसका सम्भवतया खुलासा इस प्रकार हो सकता है कि जब दो अणु इलेक्ट्रो-स्टेटिक (स्थिर-वैद्युत) क्षेत्र द्वारा जुड़ते हैं, तो सूक्ष्म स्तर पर उस जोड़ का लचीलापन और उसकी रुक्षता, उस स्कंध की कोमलता का एक मापदंड प्रस्तुत करता है। जब हम कहते हैं कि मार्टेसाइट (martensite, कार्बन और लोहे का एक यौगिक) या हीरा बहुत कर्कश या कठोर होता है, तो उसका मतलब है कि उनके दो अणुओं के बीच (मार्टेसाइट के अणु, न कि लोहा और कार्बन के बीच) का बंधन बहुत सख्त या कड़ा (rigid) और भुर-भुरा है। इसी प्रकार का कारण या तर्क गैसों के लिए भी दिया जा सकता है। 6. संस्करणः पानी को संस्कारित (Charactarisation) करने की प्रक्रिया में, मधुमक्खी के छत्तेनुमा पानी की काया पर परते चढ़ती हैं। जीवित पानी के बारे में विकसित सिद्धांत के अनुसार यह संरचना कार्बन-प्याज (carbon-onion) जैसी बहुपरतीय होती है। इसीलिए इस काया की बनावट बहुत मजबूत हो जाती है। तब यह संरचना इतनी आसानी से नहीं टूट सकती है। पानी की काया/योनि, संस्कार-प्रक्रिया में 'कठोरतर' होती जाती है। जब कि साधारण सचित्त पानी 'कठोर' और अचित्त पानी (जिसमें जीवित योनि–बनावट नहीं पायी जाती है) अपेक्षाकृत 'कोमल' होता है। यह परतों वाली संरचना या तो भौतिक काया में हो सकती है या केवल संस्कारों (गुणों) की परतों के रूप में भी हो सकती है। दूसरी स्थिति में जल-जीव की काया के आकार या परिमाण में कोई परिवर्तन नहीं होता है। 7. भावावेशों का प्रभावः जीवित पानी (सचित्त जल) हमारे भावावेशों या संगीत से प्रभावित होता हुआ पाया गया है। डॉ मसारू ईमोटो, जापान ने पानी पर कई प्रयोग, इस दिशा में किये हैं। वैसे पानी के कुछ चित्र, जिस को मानव की विचार तरंगों या लयबद्ध संगीत के प्रभाव क्षेत्र में कुछ समय तक रखा गया था, यहाँ दिये गये हैं। उन क्रियाओं का किस प्रकार अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है, ये दर्शाते हैं। (चित्र 2 से 6) संदर्भ: 4 | संदर्भः 1. "अनंतशक्ति संपन्न परमाणु से परमात्मा", आचार्य श्री कनकनंदीजी म. सा., धर्म, दर्शन, सेवा संस्थान, उदयपुर। For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.006761
Book TitleScience of Dhovana Water
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJeoraj Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2012
Total Pages268
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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