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________________ तुल्य - राशि निकाली गई है। इसे परोक्ष / आभासी जल ( virtual water) की संज्ञा दी गई है। जैसे 1 kg गेहूँ उगाने में 1350 लीटर पानी लगता है। अतः गेहूँ के लिए 1350 लीटर आभासी जल है। मॉस के लिए 6500 से 13000 लीटर पानी है । 1 केले का आभासी जल 140 लीटर पानी है । इन तथ्यों के आधार पर कुछ राष्ट्र उच्च आभासी जल वाले खाद्य-पदार्थों का आयात करके घरेलु जलापूर्ति में 60-90% तक की बचत कर लेते हैं। जैसे जोर्डन आदि देश मॉस का आयत करके आभासी जल की बचत करते हैं । c) विश्व जल कांउसिल, मर्सिली, फ्रांस के एक सर्वे के अनुसार जितना अनाज उगाते हैं, उसका 30-50% हिस्सा, उसके उपभोग के लिए तैयार होने तक खराब हो जाता है। और उसके साथ जुड़ा हुआ पूरा आभासित जल बर्बाद हो जाता है। यह हानि फसल कटाई, उत्पादन, परिवहन और भंडारण के दौरान होती है। (आभासित जल के प्रति जागरूकता बढ़ाने से, पानी की आपूर्ति में बहुत बड़ी बचत की जा सकती है। भोजन में "जूठन " नहीं छोड़ने से बहुत सा आभासित जल (vw) बचाया जा सकता है ।) d) पुनर्शोधन प्रणालीः प्राथमिकः ग्रेवाटर को बालू, गिट्टी व कंकड़ से गुजार कर निथारा जाता है । इसके द्वारा पानी से ठोस पदार्थ व मिट्टी के कण अलग हो जाते हैं क्लोरीनेशन प्लांट इसी प्रणाली में लगाये जाते हैं । द्वितीयक : इसमें विद्युत-चुम्बकीय किरणों और परा - बैंगनीय किरणों का इस्तेमाल होता है। बहुत ज्यादा प्रदूषित पानी के लिए सुपर क्लोरीनेशन और रिवर्स ओस्मोसिस (RO) प्लांट लगाये जाते हैं । RO में ग्रेवाटर में ऑक्सीजन पंप करके "मित्र जीवाणुओं को सक्रिय किया जा सकता है । e) अंतिम :- सीवरेज पानी को शोधित (ट्रीट) कर औद्योगिक व सिंचाई ग्रेड का पानी बनाया जाता है। अपने स्तर पर घर के बाहर 4'5' का गड्डा बनाकर रसोई व बाथरूम के पानी को पाइप द्वारा उसमें डाल सकते हैं । गड्डे में बालू, चारकोल, रोड़ी व (77) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.006761
Book TitleScience of Dhovana Water
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJeoraj Jain
PublisherSamyag Gyan Pracharak Mandal
Publication Year2012
Total Pages268
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size13 MB
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