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बाल-पंडियमरण। अहण्णं' वयमावन्नं, फासा उच्चावया फुसे । न तेसु विणिहरणेज्जा, वारण व महागिरो॥३॥ संवुडे से महापन्ने, धोरे दत्तेसण चरे । निव्वुडे कालमाकंखी, एयं केवलिणी मयं ॥३८॥ ___ (यगडंगसुत्ते पदमसुयखंधे एक्कारसम' अझयण )
९. बाल-पंडियमरण अन्नवंसि महोहंसि, एगे तिन्ने दुरुत्तरे। तत्थ एगे महापन्ने, इमं पण्हमुदाहरे ॥१॥ संतिमे य दुवे ठाणा, अवखाया मरणंतिया। अकाममरणं चेव, सकाममरण तहा ॥२॥ बालाण अकामं तु, मरणं असई भवे । पंडियाण सकामं तु, उक्कोसेण सई भवे ॥३॥ तत्थिमं पढमं ठाण, महावीरेण देसियं । कामगिद्ध जहा बाले, भिसं कराणि कुव्वइ ॥४॥ जे गिद्धे कामभोगेसु, एगे कडाइ गच्छई। न मे दिट्ठ परे लोए, चक्खु दिट्ठा इमा रई ॥५॥ इत्यागया इमे कामा, कालिया जे प्रणागया। को नाणइ परे लोए, अत्यि वा नस्थि वा पुणो॥६॥ जणेण सद्धि होक्खामि, इइ बाले पगब्मइ । कामभोगाणुरागण , केसं संपडिपज्जई ॥७॥ तो दंडं समारभइ, तसेसु थावरेसु य। अट्ठाए य अणटाए, भूयगामं विहिंसइ ॥८॥ हिंसे बाले मुसावाई, माइल्ले पिसुणे सढे। भुजमाणे सुरं मंस, सेयमेयं ति मन्नइ ॥६॥ 184हण 2 D ते सुवि०
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